नई दिल्ली : 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो चुकी है। तीन जुलाई तक चलने वाले सत्र के शुरुआती दो दिन नए सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है। बुधवार को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा, जबकि गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। विपक्ष ने प्रोटेम अध्यक्ष की नियुक्ति के अलावा नीट-यूजी पेपर लीक व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के स्थगित होने के मामले में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है, जिससे पहले दिन ही हंगामे के आसार हैं।
आपातकाल पर प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि यह संसद का पहला दिन है, इसकी शुरुआत सकारात्मक तरीके से होनी चाहिए। आपातकाल जैसी नकारात्मक बात को सामने लाना या गांधी परिवार, इंदिरा जी और नेहरू जी पर निशाना साधना, मुझे लगा कि प्रधानमंत्री इन सब से उबर जाएंगे।
मुझे लगता है कि उन्हें इसे एक काले दिन के बजाय एक उज्जवल दिन के रूप में सोचना चाहिए। मुझे लगता है कि यह दुखद है कि प्रधानमंत्री के पास भारत के लिए एक अंधकारमय दृष्टिकोण की सोच है। हमें देश के लिए सकारात्मक चीजों, प्रगतिशील चीजों के बारे में बात करनी चाहिए।
18वीं लोकसभा के पहले सत्र में शामिल होने के बाद सभी सांसद नए संसद भवन से बाहर निकले। सत्र के बाद बाहर निकलने के दौरान केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह, कांग्रेस सांसद केसी वेणूगोपाल और सांसद के. सुरेश एक दूसरे का अभिवादन करते हुए दिखे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर संविधान पर हमला करने का आरोप लगाया और दावा किया कि वह ‘मनोवैज्ञानिक रूप से बैकफुट पर हैं’ तथा अपनी सरकार बचाने में व्यस्त हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान पर हमला स्वीकार नहीं किया जाएगा। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘राजग के पहले 15 दिन: भीषण ट्रेन दुर्घटना, कश्मीर में आतंकवादी हमले, ट्रेनों में यात्रियों की दुर्दशा, नीट घोटाला, नीट-पीजी निरस्त, यूजीसी-नेट का पेपर लीक, दूध, दाल, गैस, टोल और महंगे, आग से धधकते जंगल, जल संकट और लू के कारण मौतें। मनोवैज्ञानिक रूप से बैकफुट पर नरेन्द्र मोदी बस अपनी सरकार बचाने में व्यस्त हैं।’’