नई दिल्ली : इटली के वैज्ञानिकों ने एक अनोखी खोज के साथ इतिहास रच दिया है. दरअसल, इन वैज्ञानिकों ने प्रकाश को ठोस अवस्था में बदलने में सफलता हासिल की है, जो क्वांटम फीजिक्स में एक ऐतिहासिक खोज मानी जा रही है.
इस शोध के अनुसार, प्रकाश एक सुपरसॉलिड के रूप में व्यवहार कर सकता है, जो एक दुर्लभ अवस्था है. हाल ही में ‘नेचर’ जर्नल में प्रकाशित इस शोध से क्वांटम कंप्यूटिंग और ऑप्टिकल प्रौद्योगिकियों में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है.
दरअसल, सुपरसॉलिड अवस्था एक दुर्लभ क्वांटम स्थिति है, जिसे प्राप्त करना बहुत कठिन माना जाता था. पहले वैज्ञानिकों ने इसे केवल अत्यधिक ठंडे तापमान पर संभव पाया था, लेकिन अब नए शोध में दिखाया गया कि यह अवस्था सामान्य परिस्थितियों में भी बनाई जा सकती है.
अब तक, सुपरसॉलिड अवस्था केवल बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट (BEC) में देखी गई थी, जो तब बनती है जब बोसॉन कणों को लगभग शून्य तापमान तक ठंडा किया जाता है, लेकिन अब, इटली के नेशनल रिसर्च काउंसिल और पाविया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दिखाया है कि प्रकाश भी सुपरसॉलिड अवस्था में बदल सकता है.
इस अध्ययन में, पारंपरिक ठंडा करने की प्रक्रिया की बजाय, वैज्ञानिकों ने क्वांटम तकनीकों का उपयोग किया. वैज्ञानिकों ने गैलियम आर्सेनाइड से बनी संरचना का उपयोग किया, जिसमें सूक्ष्म लकीरें बनी थीं. इस प्लेटफॉर्म पर लेजर फायर करके हाइब्रिड प्रकाश-पदार्थ कण बनाए गए, जिन्हें पोलरिटॉन कहा जाता है.
जब फोटॉनों की संख्या बढ़ी, तो वैज्ञानिकों ने सुपरसॉलिडिटी का संकेत देने वाले पैटर्न को देखा. शोधकर्ताओं का कहना है, “पूर्ण शून्य के करीब तापमान पर, क्वांटम प्रभाव उभरता है. यह प्रकाश में सुपरसॉलिडिटी को समझने की शुरुआत है.”
सुपरसॉलिड प्रकाश क्वांटम बिट्स (क्यूबिट्स) को अधिक स्थिर बना सकता है, जिससे क्वांटम कंप्यूटिंग में तेजी आ सकती है. इस खोज से ऑप्टिकल डिवाइस, फोटोनिक सर्किट और संवेदनशील क्वांटम डिटेक्टर के विकास में मदद मिलेगी. भविष्य में इस तकनीक को और रिफाइंड किया जाएगा, जिससे सुपरसॉलिड प्रकाश को अधिक स्थिर और नियंत्रित तरीके से बनाया जा सकेगा.
सिर्फ ठोस ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिकों ने पहले भी सिद्ध किया है कि प्रकाश लिक्विड की तरह प्रवाहित हो सकता है. इस बार, वैज्ञानिकों ने इसे एक नई अवस्था में बदल दिया है, जिसे “क्वांटम सुपरसॉलिड” कहा जाता है.
इटली के वैज्ञानिकों की यह उपलब्धि न केवल प्रकाश के भौतिक गुणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि यह नई क्वांटम सामग्रियों और प्रौद्योगिकियों के विकास में भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है. आने वाले वर्षों में, यह खोज क्वांटम टेक्नोलॉजी और ऑप्टिक्स के क्षेत्र में नई संभावनाओं को बढ़ावा दे सकती है.