भाव 2025 : द आर्ट ऑफ लिविंग ने लॉन्च किया ‘सीता चरितम’

Bhav-2025

बेंगलुरु : भारत के सबसे बड़े कला और सांस्कृतिक शिखर सम्मेलन, भाव-दी एक्सप्रेशंस समिट 2025 के पहले दिन, द आर्ट ऑफ लिविंग ने ‘सीता चरितम’ की शुरुआत की। यह भारत का सबसे बड़ा लाइव प्रदर्शन कला समागम है, जिसमें 500 कलाकारों द्वारा 30 नृत्य, संगीत और कला रूपों का संगम हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को दुनियाभर में प्रदर्शित करना है। इस समागम का आयोजन 180 देशों में होगा और इसके 20 से अधिक संस्करणों में स्थानीय भाषाओं में गाए गए गीत और संवाद शामिल होंगे।

भाव 2025 में भारतीय कला की समृद्धता का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला, जिसमें पश्चिम बंगाल से 10 ट्रांसजेंडर कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भारतीय शास्त्रीय नृत्य भारतनाट्यम ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के ‘आउट ऑफ बॉक्स’ संगीत बैंड की धुनों पर पूर्व कैदी कलाकारों का समूह भी शामिल था, जिन्होंने समागम को और रंगीन बना दिया।

वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर ने इस महोत्सव के महत्व पर विचार व्यक्त करते हुए कहा, ‘अगर एक भी संस्कृति, धर्म या सभ्यता समाप्त हो जाए, तो दुनिया निर्धन हो जाएगी। हर संस्कृति दुनिया की धरोहर का हिस्सा है और हमें इन्हें संरक्षित रखना चाहिए।’ भारतीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी कला के विविध रूपों को स्वीकारते हुए इस अवसर को एक सांस्कृतिक कुंभ बताया।

भाव 2025 की शुरुआत एक भावनात्मक अनुभव के रूप में हुई, जिसमें काव्या मुरलीधरन और उनकी मंडली द्वारा प्रस्तुत भावुक भारतनाट्यम ने दर्शकों को दिल छू लिया। कथक सम्राट मनीषा साठे के नेतृत्व में तीन पीढ़ियों ने एक साथ मंच पर आकर कथक की शानदार प्रस्तुति दी। राम भजन की प्रस्तुति और 30 कलाकारों की टोली द्वारा सजीव संगीत का आयोजन दर्शकों को भावुक कर गया। गरबा गीतों की प्रस्तुति ने भी उपस्थित दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।