भुवनेश्वर/बारीपदा : ओडिशा में इस साल के आखिर तक दुनिया की पहली मेलेनिस्टिक (काली) टाइगर सफारी शुरू की जाएगी। यह मयूरभंज जिले में सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व के पास होगी। यह जानकारी सोमवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुशांत नंदा ने दी। उन्होंने बताया कि सफारी के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। वहीं, केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) पहले ही इसके लिए समर्थन दे चुका है।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में वर्तमान में भुवनेश्वर के नंदन कानन चिड़ियाघर में रखे गए मेलेनिस्टिक बाघों को एनएच -18 से सटे 200 हेक्टेयर में फैले प्रस्तावित सफारी में भेजा जाएगा। सफारी में लगभग 100 हेक्टेयर जमीन प्रदर्शन क्षेत्र के लिए होगी। इसके अलावा बाकी बची जमीन में पशु चिकित्सा सुविधाएं, बचाव केंद्र, कर्मचारियों के लिए बुनियादी ढांचा और आगंतुकों के लिए सुविधाएं होंगी।
सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व से 15 किमी दूर यह सफारी स्थल अपने प्राकृतिक लैंडस्केप के लिए जाना जाता है। वहीं सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व दुनिया में इकलौते जंगली मेलेनिस्टिक बाघ के तौर पर दुनिया में मशहूर है। इस सफारी को स्थापित करने का मकसद ओडिशा में वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही यह संरक्षणवादियों, शोधकर्ताओं, उत्साही लोगों और आम जनता को इस दुर्लभ प्रजाति को करीब से देखने का एक अनूठा मौका देगा। बताते चलें कि पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जनवरी में सिमिलिपाल के पास मेलेनिस्टिक टाइगर सफारी की योजना लॉन्च की थी।