खन्ना : पंजाब के खन्ना के माछीवाड़ा साहिब में एक किसान से करोड़ों रुपये की साइबर ठगी हुई है। उम्रदराज किसान सोशल मीडिया के जरिये एक युवती की मीठी-मीठी बातों में फंस गया, लेकिन उसे अंदाजा भी नहीं था कि उसके साथ इतना बड़ा फ्रॉड हो जाएगा।
फॉरेक्स ट्रेडिंग (विदेशी मुद्रा व्यापार) का लालच देकर सोशल मीडिया पर एक युवती ने किसान को ऐसे अपने जाल में फंसाया कि वह 3 करोड़ 72 लाख 84 हजार 999 रुपये गंवा बैठा। इस केस में खन्ना के साइबर क्राइम थाना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस तकनीकी साधनों से जांच में जुटी है और कोशिश की जा रही है कि आरोपियों का पता लगाया जा सके।
पुलिस के पास दर्ज कराई शिकायत में 57 वर्षीय संजीव पांधी ने बताया कि किसी अज्ञात युवती ने टेलीग्राम एप पर सुनीता गुप्ता नाम से बनाई आईडी से उसे मैसेज किया। उसे फारेक्स ट्रेडिंग (विदेशी मुद्रा व्यापार) करने के लिए कहा गया। उसे तीन गुणा मुनाफा मिलने का लालच दिया गया। इसके बाद एडमिरल मार्केट्स ग्लोबल लिमिटेड पर संजीव पांधी का ट्रेडिंग अकाउंट खोला गया। इस अकाउंट के माध्यम से लेनदेन शुरू किया गया।
शिकायतकर्ता के अनुसार फारेक्स ट्रेडिंग के नाम पर खोले गए उक्त खाते में 18 दिसंबर 2024 तक विभिन्न तारीखों को उससे कुल 1 करोड़ 4 लाख 44 हजार 999 रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए। इसके बाद उसे व्यापार में मुनाफा दिखाया गया। उसके ट्रेडिंग अकाउंट में 3 करोड़ 66 लाख 16 लाख 595 रुपये दिखाई देने लगे। उसे लगा कि व्यापार सही तरीके से हो रहा है और उसे मुनाफा भेजा जा रहा है। जब उसने यह रकम निकलवानी चाही तो इसमें सफल नहीं हो सका। रकम निकलवाने के लिए उससे 24 लाख रुपये का टैक्स और जमा करवा लिया गया।
शिकायतकर्ता संजीव पांधी के अनुसार जब उसने 24 लाख रुपये टैक्स जमा कराने के बाद रकम निकालनी चाही तो उसे बोला गया कि 1 करोड़ से ज्यादा पैसे होने कारण खाता फ्रीज हो गया है। इसके लिए अब 80 लाख रुपये और जमा करने होंगे। उसने अपनी पहली रकम को बचाने की मंशा से साइबर ठगों के कहने पर और रकम जमा कर दी।
इस प्रकार वह 10 फरवरी 2025 तक कुल 3 करोड़ 72 लाख 84 हजार 999 रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर चुका था। बाद में उसे अहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गया है। उसने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई।
साइबर क्राइम थाना प्रभारी इंस्पेक्टर गुरप्रताप सिंह ने कहा कि अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। कोशिश की जा रही है कि केस को ट्रेस करके आरोपियों का पता लगाया जाए और शिकायतकर्ता की रकम उसे वापस दिलाई जाए।