धनबाद-NewsXpoz : आर्थिक अपराध के मामले में जेल में बंद प्रसिद्ध भोजपुरी गायक भरत शर्मा की शनिवार की दोपहर तबीयत बिगड़ गई। उन्होने सीने में दर्द उठने की शिकायत बताई। जिसके बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए धनबाद जेल प्रशासन ने आनन-फानन में इलाज के लिए शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) भेज दिया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें शनिवार की शाम को क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) में एडमिट करते हुए इलाज शुरू कर लिया। फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। परंतु अस्पताल सूत्रों का कहना है कि पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही उनकी स्थिति के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।
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मालूम हो कि भोजपुरी गायक भरत शर्मा आयकर विभाग के तीन मामलों में अदालत में सरेंडर किया था। आर्थिक अपराध के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी श्वेता कुमारी की अदालत ने अभियुक्त भरत शर्मा को तीनों मामलों में न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। भरत शर्मा तीनों मामलों में सजायाफ्ता हैं। झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में अदालत में उन्होंने सरेंडर किया था।
पूरा मामला क्या है? : भोजपुरी गायक भरत शर्मा को आर्थिक अपराध के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत द्वारा 13 जून 2018 को आयकर विभाग से फर्जी दस्तावेज के आधार पर टीडीएस का भुगतान लेने संबंधी तीन मामलों में अलग-अलग 2 साल का कठोर कारावास और 10 हजार रुपए आर्थिक जुर्माना की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत की सजा के खिलाफ भरत शर्मा जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में अपील दाखिल की थी। तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम संजय कुमार प्रथम की अदालत द्वारा भरत शर्मा के तीनों अपील को निरस्त करते हुए निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा था।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ भारत शर्मा झारखंड हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल किया था। आयकर विभाग द्वारा भरत शर्मा के खिलाफ वर्ष 2005 में मुकदमा दाखिल किया गया था। पहले मुकदमे में आयकर विभाग द्वारा कहा गया कि वित्तीय वर्ष 1999-2000 में आयकर रिटर्न भरते समय 5 में 2001 को भरत शर्मा द्वारा अपनी कुल आय 75,400 दिखाया गया था और आयकर विभाग से 1,03,000 रुपए रिफंड का दावा किया गया था।
इसी प्रकार दूसरे मामले में वित्तीय वर्ष 1998- 1999 में 31 मार्च 2000 को टीडीएस क्लेम के दवा में अपनी कुल आए 75330 दिखाया तथा आयकर विभाग से 79,260 रुपए के भुगतान का दावा किया। तीसरे मामले के वित्तीय वर्ष 1997-1998 मैं 31 मार्च 1999 को टीडीएस के भुगतान के समय उन्होंने अपनी आय 89,500 रुपए दिखाते हुए 37,634 रुपया रिफंड लिया था। यह सभी रिफंड भरत शर्मा द्वारा सूद समेत फर्जी दस्तावेज के आधार पर सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर लिया गया था। रिपोर्ट : अमन्य सुरेश (8340184438)