रांची : ईडी ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले के आरोपित प्रमोद सिंह के धनबाद स्थित आवास में शुक्रवार को करीब 10 घंटे तक तलाशी ली। प्रमोद सिंह को ईडी ने इसी साल फरवरी महीने में गिरफ्तार किया था।
प्रमोद सिंह पर एनएचआरएम की 9.50 करोड़ रुपये की राशि के घोटाले का आरोप है। इस मामले में ईडी मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही है। प्रमोद सिंह पर चार्जशीट के पहले ईडी कागजात और साक्ष्य को मजबूत बनाने में जुटी है।
देर रात तक ईडी ने खंगाले दस्तावेज : इसी सिलसिले में जांच के लिए ईडी की टीम प्रमोद सिंह के घर पहुंची थी। देर रात तक ईडी ने दस्तावेज को खंगाला। प्रमोद सिंह को वर्ष 2008 में संविदा के आधार पर एनआरएचएम में नियुक्त किया गया था। उसे मात्र 17 हजार रुपये मानदेय मिलता था। उसे धनबाद जिले के दो प्रखंडों में योजना से संबंधित दायित्व दिए गए थे।
एनआरएचएम में उसे योजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान राशि आवंटित करने और उसका हिसाब रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 9.5 करोड़ रुपये की सरकारी राशि अपने करीबियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।
बाद में संबंधित लोगों से राशि उसने वापस ली और अपने परिवार को लोगों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। ईडी ने उसके ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। इस दौरान उसकी कई महंगी गाड़ियां भी मिली थी, जिसे जब्त कर लिया गया था।
अब तक ईडी जांच के दौरान प्रमोद सिंह की 1.63 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है। जब्त की गई संपत्तियों में धनबाद स्थित मकान, तीन गाड़ियां, जमीन और 2.17 लाख रुपये नगद शामिल है।
रिश्तेदारों के नाम पर भी अर्जित की संपत्तियां : उक्त राशि से प्रमोद कुमार सिंह ने अपने और अपनी पत्नी प्रिया सिंह के अलावा अन्य सहयोगियों के नाम पर कई चल-अचल संपत्तियां अर्जित की। ईडी ने प्रमोद कुमार सिंह की पत्नी प्रिया सिंह की 1.63 करोड़ रुपये (लगभग) की अचल संपत्ति को गत वर्ष 30 अगस्त को अंतिम रूप से कुर्क किया था।
यह है मामला : कोयला कारोबारी प्रमोद कुमार सिंह पूर्व में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) झरिया सह जोड़ापोखर में संविदा आधारित तत्कालीन ब्लाक खाता प्रबंधक था। उसपर एनआरएचएम के विभिन्न कार्यक्रमों के एवज में आवंटित फंड के गबन का आरोप था।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) धनबाद ने प्रारंभिक जांच के बाद प्रमोद कुमार सिंह व अन्य के विरुद्ध आठ जून 2016 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसी प्राथमिकी के आधार पर पर ईडी ने मनी लांड्रिंग अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था।