नई दिल्ली : राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, तमिलनाडु और बिहार में 11 अलग-अलग स्थानों पर एक साथ छापा मारकर जाली नोट छापने वाले सात अन्य मॉड्यूल भंडाफोड़ किया। अभियान में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया। छापों के दौरान पुलिस ने लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राइव, सुरक्षा पेपर, ए-4 साइज के पेपर और महात्मा गांधी के वॉटरमार्क वाला बटर पेपर जब्त किया। डीआरआई अधिकारियों की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया और बीएनएस की धाराओं के तहत सभी उपकरण जब्त किए हैं।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ये छापे बृहस्पतिवार को मारे गए। इससे पहले, 8 फरवरी को डीआरआई ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले और कर्नाटक के बंगलूरू में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। ये आरबीआई और भारत लिखे सुरक्षा धागे वाले उच्च गुणवत्ता के सुरक्षा पेपर के आयात में लिप्त थे।
अगले दिन, 9 फरवरी को डीआरआई ने महाराष्ट्र के ठाणे और हरियाणा के भिवानी जिले में जाली मुद्रा छापने वाले दो केंद्रों का भंडाफोड़ किया।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, डीआरआई की शिकायत पर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इसके बाद, मुंबई के विखरोली पश्चिम में डीआरआई ने सुरक्षा पेपर के आयातक को ढूंढ निकाला। घनी आबादी वाले इलाके में की गई तलाशी के दौरान नकली भारतीय मुद्रा नोट छापने और फिनिशिंग करने वाले एक केंद्र का पता चला।
इसमें 50 और 100 रुपये के नकली नोट, कई मशीनें और उपकरण जब्त किए गए। महाराष्ट्र के संगमनेर जिले और कोल्हापुर जिले में डीआरआई ने कंप्यूटर और प्रिंटर का इस्तेमाल कर जाली नोट छापने की एक सुविधा का पता लगाया। दोनों स्थानों पर डीआरआई अधिकारियों की शिकायत पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और बीएनएस के तहत अधिकार क्षेत्र की पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
कोल्हापुर में पकडे गए आरोपियों से पूछताछ के दौरान बेलगाम में एक और मॉड्यूल का पता चला, जहां कोल्हापुर पुलिस ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले, बिहार के खगड़िया जिले और हरियाणा के रोहतक में सुरक्षा पेपर के आयातकों का पता लगाया गया। डीआरआई अधिकारियों की शिकायत पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और मामले को बीएनएस के तहत आगे की जांच के लिए सौंप दिया गया।