रांची-NewsXpoz : झारखंड के दुमका जिले में मुहर्रम जुलूस के दौरान फलस्तीनी झंडा लहराने के आरोप में दो व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। दुमका जिले में बुधवार को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुए। जिनमें मुहर्रम के जुलूस के दौरान कुछ युवकों को कथित तौर पर फलस्तीनी झंडे लहराते हुए दिखाया गया। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की।
ऐसे ही एक वीडियो में दुधानी चौक पर मोहर्रम के जुलूस के दौरान एक युवक को एक वाहन के ऊपर झंडे लहराते और नारे लगाते हुए देखा गया। देवघर के सब्जी मंडी के एक निवासी को मोहर्रम जुलूस के दौरान फलस्तीनी झंडा लहराने के आरोप में उसके रिश्तेदार के यहां से गिरफ्तार किया गया। दुमका नगर पुलिस थाने के प्रभारी अमित लाकड़ा ने बताया सभी से पूछताछ कर रहे हैं।
पुलिस वायरल वीडियो के आधार पर आरोपियों के पहचान का प्रयास कर रही है। जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह ताजिया के जुलूस के दौरान दो युवकों ने दुधानी टावर चौक में फिलिस्तीन का झंडा लहराया था। इसके बाद उनकी यह हरकत की वीडीओ सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। मामले को गंभीरता से लेते पुलिस ने जांच शुरू की। रात को जुलूस में शामिल कुछ युवकों से पूछताछ की गई, तो बताया कि झंडा लहराने वाले देवघर के दो युवक थे।
जांच में पता चला कि दोनों युवक लूटपाड़ा में अपने मामा के घर में हैं। पुलिस दबिश बनाकर दोनों को धर दबोचने में सफल रही। काफी पूछताछ के बाद दोनों ने यह स्वीकार नहीं किया कि उन्हें झंडा किसने दिया था। शैफ अपने को झारखंड मुक्ति मोर्चा का जिला अध्यक्ष बताया।
मौके पर तैनात दंडाधिकारी ग्रामीण विकास कार्य प्रमंडल के सहायक अभियंता राजकुमार मंडल के लिखित शिकायत पर मामला दर्ज करते हुए आरोपिताें काे गिरफ्तारी कर जेल भेज दिया है। मामले में थाना प्रभारी अमित लकड़ा ने बताया कि वीडियाे के माध्यम से पहचान करते हुए मुख्य आरोपित दो युवकों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। दोनों आरोपी देवघर के रहने वाले हैं।
दुमका के उप मंडलीय पुलिस अधिकारी विजय कुमार महतो ने इससे पहले कहा था कि जांच जारी है। अगर वीडियो असली पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर ऐसा ही एक वीडियो साझा किया था और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाएं उनकी सरकार की मुस्लिम तुष्टिकरण नीति का परिणाम हैं।