ट्रंप-मस्क के लाइव प्रसारण में रोड़ा बना डीडीओएस, एक्स पर बड़े पैमाने पर हुए साइबर हमले

Elon-Mask

वॉशिंगटन : अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इस चुनावी दौड़ में रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की ओर से कमला हैरिस मैदान में हैं। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क लगातार अपना समर्थन पूर्व राष्ट्रपति को दे रहे हैं।

इस बीच, मस्क और ट्रंप ने सोशल मीडिया एक्स पर लाइव प्रसारण किया, लेकिन इसे लेकर दिग्गज कारोबारी ने कुछ चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया कि रिपब्लिकन उम्मीदवार के साथ किए गए लाइव प्रसारण को बाधित करने का प्रयास किया गया।  

एक्स के मालिक ने कहा कि एक्स पर बड़े पैमाने पर डीडीओएस यानी साइबर हमले हुए हैं। जिसकी वजह से तय समय पर यह इंटरव्यू शुरू नहीं हो सका। साथ ही लाइव देखने वालों की संख्या भी कम करनी पड़ी।

निर्धारित समय पर इंटरव्यू नहीं शुरू होने को लेकर एलन मस्क ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि एक्स पर बहुत बड़ा डीडीओएस हमला हुआ है। इसे रोकने पर काम चल रहा है। कि अगर स्थिति और खराब हुई तो सीमित संख्या में ही लाइव श्रोताओं को अनुमति दी जाएगी और बातचीत को बाद में ऑनलाइन पोस्ट किया जाएगा।’

मस्क ने आगे कहा कि इस एहतियात का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि व्यवधान के बावजूद साक्षात्कार अपने दर्शकों तक पहुंच सके।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लाइव जैसे ही आठ बजे शुरू हुआ, वैसे ही कुछ ही मिनटों के भीतर साइट क्रैश, अनएबल और ट्वीटर ब्लैकआउट ट्रेड होने लगा था। एक यूजर ने बताया कि बंदर इमोजी के साथ लिखकर आ रहा कि यह स्थान उपलब्ध नहीं है। वहीं, मोबाइल एप से जुड़ने की कोशिश की तो ग्रे स्क्रीन दिखाई देती रही।

हालांकि, जिस तरह से यह साइबर हमला हुआ है, उसका समय काफी अहम है। इस साइबर हमले को आगामी चुनावों के लिए ट्रंप की संचार रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। इस साइबर हमले से यह भी बात सामने आई है कि बड़े डिजिटल प्रचार के माध्यमों को प्रभावित किया जा सकता है।

डीडीओएस का मतलब है डिस्ट्रिब्यूटेड डेनियल-ऑफ-सर्विस अटैक। यह किसी लक्षित सर्वर या नेटवर्क पर इंटरनेट ट्रैफिक को बढ़ाकर सामान्य ट्रैफिक को बाधित करता है। साइबर सुरक्षा फर्म फोर्टिनेट इसे साइबर क्राइम बताता है।

फोर्टिनेट के अनुसार, ‘डीडीओएस हमले का मतलब है ‘डिस्ट्रिब्यूटेड डेनियल-ऑफ-सर्विस हमले’ और यह एक साइबर अपराध है, जिसमें हमलावर सर्वर पर इंटरनेट ट्रैफिक को बढ़ा देता है, ताकि उपयोगकर्ता ऑनलाइन सेवाओं और साइटों तक पहुंचने से वंचित हो जाएं।’

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