झारखंड : गिरिडीह हिंसा के बाद हालात शांत, 22 गिरफ्तार

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रांची : झारखंड के गिरिडीह जिले में शुक्रवार को होली जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई। घटना में कई लोग घायल हो गए। इसके अलावा दुकानों और वाहनों में आग लगा दी गई। पुलिस ने इस मामले में 22 लोगों को गिरफ्तार किया है। दरअसल घोरथंबा में उस समय यह घटना हुई, जब एक समूह ने होली के जुलूस का इलाके से गुजरने पर विरोध किया। उसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव कर दिया।

पुलिस अधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि चार दुकानों, पांच मोटरसाइकिल और दो चारपहिया वाहनों में आग लगा दी गई। एसपी डॉ. बिमल कुमार ने बताया कि दो समुदायों के बीच झड़प हुई, लेकिन उसमें किसी को गंभीर चोट नहीं आई है। स्थिति अब नियंत्रण में है। उपद्रवियों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस बीच उपविकास आयुक्त स्मिता कुमारी ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है। इस मामले की जांच की जा रही है और प्रभावित इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

खोरीमहुआ सब डिवीजन के एसडीएम अनिमेष रंजन ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और शांतिपूर्ण है। कल मजिस्ट्रेट और बल यहां थे। स्थिति तुरंत नियंत्रण में आ गई। डीडीसी स्मिता कुमारी ने बताया कि मजिस्ट्रेट आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। पुलिस तैनात कर दी गई है और स्थिति पर लगातार नजर रख रही है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।

इससे पहले शुक्रवार को यह घटना उस समय हुई, जब घोड़थंभा चौक के पास एक गली से होली का जुलूस गुजर रहा था। दो समुदायों के बीच विवाद के कारण अराजकता फैल गई, जो करीब एक घंटे तक चली। उपद्रव की सूचना मिलने पर जिला मुख्यालय से अधिकारी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने उपद्रवियों को तितर-बितर किया। 

शुक्रवार को एसपी डॉ. बिमल ने स्थिति पर बात करते हुए कहा कि घटना में किसी के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन आरोपियों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारी ने बताया था कि होली समारोह के दौरान घोड़थंभा ओपी क्षेत्र में दो समुदायों के बीच झड़प की घटना सामने आई है। हम इसमें शामिल लोगों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और किसी के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है। कुछ वाहनों में आग भी लगाई गई।

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन की सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘गिरिडीह के घोड़थंबा में होली जुलूस पर पथराव और आगजनी की दुखद घटना हेमंत सरकार के तुष्टिकरण की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र की विफलता का परिणाम है। 

हिंदुओं के पर्व त्योहारों पर हिंसा करना नया ट्रेंड बन गया है और इसे बढ़ावा दे रही है घुसपैठियों की संरक्षक झामुमो कांग्रेस की सरकार। हर हिंदू पर्व त्योहार में हिंसा-उन्माद की घटनाएं देखकर ऐसा लगने लगा है कि राज्य सरकार खुद हिंदू विरोधी तत्वों को हिंसा के लिए प्रोत्साहित कर रही है। पर्व त्योहारों से पूर्व की जाने वाली शांति समिति की बैठकें, प्रशासन के फ्लैग मार्च सिर्फ औपचारिकता बन कर रह गए हैं।’

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने में मुख्यमंत्री फिसड्डी साबित हुए हैं। हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देशित किया था, इसके बावजूद गिरिडीह में अप्रिय घटना को अंजाम दिया गया। शासन प्रशासन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। 

मीडिया के सामने आकर पर्व त्योहारों पर व्यवधान डालने वाले को जमीन के अंदर 10 फीट गाड़ने की घुड़की देने वाली पुलिस की उपद्रवियों के सामने बोलती बंद हो जा रही है। पुलिस होली जुलूस में व्यवधान उत्पन्न करने वाले सभी आरोपियों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई करें, उल्टे पीड़ित पक्ष पर कारवाई कर मामले को संतुलित दिखाने का प्रयास न करें।’