अहमदाबाद : गुजरात के अहमदाबाद शहर के एसजी हाईवे पर स्थित ख्याति हॉस्पिटल देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. अस्पताल पर भोले-भाले लोगों को अंधेरे में रखकर सरकारी योजना का फायदा उठाकर पैसे ऐंठने की बड़ी साजिश रची जा रही थी.
यह पूरा घोटाला तब सामने आया जब बोरिसना गांव के दो लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई. गुजरात में पीएम-जन आरोग्य योजना में धोखाधड़ी करने का मामला सामने आने के बाद से हर कोई हैरान है. इस योजना का लाभ पाने के लिए अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही से दो लोगों की जान भी चली गई. जिसमें एक की उम्र 18 साल थी, जिसका अस्पताल वालों ने एंजियोप्लास्टी की थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मेहसाणा के बोरिसाना गांव के दो मरीजों की 11 नवंबर को एंजियोप्लास्टी से मौत हो गई. मौत की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि पिछले 18 महीनों में ही ख्याति अस्पताल में इसी तरह के तीन और मामले मिले थे, जिसके बाद, जिससे इस रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. जो सच सामने आया, उसके बाद हर कोई हैरान है.
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत अवैध लाभ के लिए लोगों की जान जोखिम में डालने के मामले में ख्याति अस्पताल के और भी राज खुल रहे हैं. जांचकर्ताओं ने पाया है कि अहमदाबाद के अस्पताल ने एक मेडिकल कैंप में प्राथमिक जांच के बाद 18 वर्षीय युवक की एंजियोप्लास्टी की, जिससे इस बात की संभावना है कि अवैध धन लाभ के लिए और भी युवाओं का ऑपरेशन किया गया हो.
पुलिस को चार और मौतों का भी पता चला है, जिनके अस्पताल में अनावश्यक एंजियोप्लास्टी के कारण होने का संदेह है, जिससे मरने वालों की संख्या नौ हो गई है. एक वरिष्ठ अपराध शाखा अधिकारी ने कहा, “हमें पता चला है कि आरोपी ने 18 वर्षीय एक सहित बहुत छोटे रोगियों की एंजियोप्लास्टी की थी. हमें अभी तक पीएम-जेएवाई अधिकारियों से दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए हैं, जिसके तहत चिकित्सा प्रक्रिया की गई थी. दस्तावेज मिलने के बाद हम सभी रोगियों की पहचान कर पाएंगे.”
उन्होंने कहा कि इन रोगियों को उनके संबंधित गांवों में शिविर आयोजित करने के बाद एंजियोप्लास्टी के लिए ले जाया गया था. यही तरीका अस्पताल के लोग हर केस में अपनाए हैं. मेहसाणा के बोरिसाना गांव के दो मरीजों – महेश बारोट (52) और नागर सेनमा (72) की 11 नवंबर को एंजियोप्लास्टी से हुई मौतों की जांच एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उनमें से किसी को भी एंजियोप्लास्टी की जरूरत नहीं थी, लेकिन फिर भी ऑपरेशन किया गया.
सोमवार को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने खेड़ा जिले के कपड़वंज के पास एक खेत से पांच आरोपियों को पकड़ा है. इनमें अस्पताल के निदेशक (मार्केटिंग और ब्रांडिंग) चिराग राजपूत भी शामिल हैं, जो पीएम-जेएवाई और अन्य सरकारी योजनाओं से अवैध मुनाफाखोरी के पीछे के कथित मास्टरमाइंड हैं. इनके साथ तीन अन्य लोग भी हैं, जिनका काम अहमदाबाद और आसपास के जिलों में शिविर आयोजित करना और सामान्य चिकित्सकों से मिलकर मरीजों को किसी तरह ख्याति अस्पताल भेजना था.
इस रैकेट में पंकिल पटेल और प्रतीक भट्ट भी शामिल हैं जो शिविर आयोजित करते थे और लोगों को चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए राजी करते थे. बुधवार को एक स्थानीय अदालत ने उन्हें तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया. 13 नवंबर को ख्याति अस्पताल के संस्थापक कार्तिक पटेल, निदेशक डॉ संजय पटोलिया, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ प्रशांत वजीरानी, राजश्री कोठारी और राजपूत के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गईं थी.