नई दिल्ली : सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मणिपुर के तैंग्नोपॉल जिले में मोरेह कस्बे के नजदीक भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का काम तेज कर दिया है। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि काम को चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। भारत और म्यांमार 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, जिनमें 398 किमी मणिपुर में है। परियोजना का काम बीआरओ की विंग सेवक की ओर से किया जा रहा है।
विंग सेवक नगालैंड और मणिपुर में सड़क निर्माण की देखभाल भी कर रहा है। मोरेह के पास भारत-म्यांमार सीमा पर केवल 10 किमी की बाड़बंदी की गई है। दरअसल भारत-म्यांमार सीमा हथियार, गोला-बारूद और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए बदनाम है। इस परियोजना को 31,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़बंदी का जिले में कुकी-जो समुदाय के प्रभाव वाले नागरिक समाज संगठन विरोध करते रहे हैं। इससे पहले, नगालैंड पीपुल्स फ्रंट(एनपीएफ) की मणिपुर इकाई ने भी भारत और म्यांमार के बीच सीमा पर बाड़बंदी निर्माण का विरोध किया था, खासकर उन क्षेत्रों में जहां जो नगा समुदाय बसे हुए हैं।
पूर्वोत्तर में भारतीय सेना की ओर से युवाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का अब असर दिखने लगा है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि दो छात्रों, दैहरी खोझियो और जॉर्ज लुनी ने भारतीय सेना से मार्गदर्शन के बाद स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी सीजीएल) परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लिया है। सफलता पाने के बाद विद्यार्थियों और उनके परिजनों में खुशी की लहर है। सेना मान रही है कि इन दोनों की सफलता अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी।