नई दिल्ली : भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पहली किश्त जारी किया है. प्रतिनिधि कार्यालय के अनुसार, भारत सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अपने वार्षिक योगदान के हिस्से के रूप में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पहली किश्त जारी की है.
भारत ने सोमवार को कहा कि यूएनआरडब्ल्यूए, जिसने 1950 से पंजीकृत फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए प्रत्यक्ष राहत और कार्यक्रम चलाए हैं. गाजा में इजराइल-हमास युद्ध के बीच अपने कामकाज को बनाए रखने के प्रयास कर रहा है.
फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए राहत : रामल्ला में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने एक्स पर अपने बयान में कहा कि भारत सरकार ने निकट पूर्व में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 2.5 मिलियन अमरीकी डालर की पहली किश्त जारी की. बता दें कि भारत वर्ष 2024-25 के लिए 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान करेगा.
35 मिलियन अमेरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता : पिछले कुछ वर्षों में, फिलिस्तीनी शरणार्थियों और उनके कल्याण का समर्थन करने के अपने प्रयास में भारत ने शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, राहत और सामाजिक सेवाओं सहित संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के मुख्य कार्यक्रमों और सेवाओं के लिए 2023-24 तक 35 मिलियन अमेरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता फिलिस्तीनी शरणार्थियों को प्रदान की है.
स्वैच्छिक योगदान से वित्त पोषित : हाल ही में न्यूयॉर्क में आयोजित यूएनआरडब्ल्यूए सम्मेलन के दौरान, भारत ने घोषणा की कि वित्तीय सहायता के अलावा वह एजेंसी के विशिष्ट अनुरोध के आधार पर यूएनआरडब्ल्यूए को दवाएं प्रदान करेगा. साथ ही भारत ने मानवीय सहायता की सुरक्षित, समय पर और निरंतर आपूर्ति के लिए अपना आह्वान दोहराया. यूएनआरडब्ल्यूए को लगभग पूरी तरह से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के स्वैच्छिक योगदान से वित्त पोषित किया जाता है.