श्रीनगर : सुरक्षाबलों ने मंगलवार को दक्षिण कश्मीर को दहलाने की दो बड़ी आतंकी साजिशों को नाकाम किया। शोपियां और त्राल में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बरामद कर बड़े हादसे रोक दिए। बम निरोधक दस्ते ने दोनों आईईडी को निष्क्रिय कर दिया है। पुलिस ने मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सेना की एक राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के जवान सुबह शोपियां जिले में गश्त कर रहे थे। जैनापोरा के कश्वा चित्रगाम में सड़क के किनारे रखे गए प्रेशर कुकर में विस्फोटक सामग्री दिखी। कुकर के साथ एक सर्किट भी था। जांच में यह कुकर में फिट आईईडी पाई गई। बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) को बुलाया गया। सुरक्षाबलों ने एहतियात बरतते हुए सड़क के दोनों ओर से यातायात को रोक दिया। बीडीएस के जवानों ने आईईडी को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर सुरक्षित ढंग से निष्क्रिय कर दिया।
इसके कुछ ही घंटे बाद पुलवामा जिले में त्राल के पिंगलिश नागवडी में आईईडी मिली। यहां भी आईईडी को सड़क के किनारे फिट किया गया था। सेना की 42 आरआर और अवंतीपोरा पुलिस ने इलाके को घेर लिया। सड़क से यातायात रोक दिया। बीडीएस टीम ने आईईडी को सुरक्षित ढंग से निष्क्रिय कर दिया।
जवानों की सतर्कता से आतंकियों के नापाक मंसूबे विफलसेना ने कहा कि समय पर सुरक्षाबलों ने कार्रवाई कर आतंकियों के नापाक मंसूबों को विफल कर दिया है। वहीं, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों घटनाओं में मामले दर्ज कर लिए हैं। विस्फोटक को रखने वालों की तलाश शुरू कर दी है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सांबा जिले के कवला वन क्षेत्र में आतंकी ठिकाना ध्वस्त कर गोला-बारूद बरामद किया है। पुलिस को सूचना मिली कि चीला डंगा क्षेत्र में आतंकी ठिकाना है। इसके बाद पुलिस ने तलाशी अभियान चलाकर गोला-बारूद बरामद किया। इसे गुफा में छिपाकर रखा था। बरामद हथियारों में एके 47 की 29 गोलियां, एके राइफल की एक मैगजीन और 250 ग्राम विस्फोटक मिला। पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है। संवाद
चीला डंगा रहा है घुसपैठियों का पुराना मार्गचीला डंगा क्षेत्र पहले भी घुसपैठियों का पुराना मार्ग रहा है। इस क्षेत्र में आतंकियों के साथ मुठभेड़ हो चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार, आतंकी सीमा से घुसपैठ कर चीला डंगा के जंगलों से होते हुए पहाड़ी क्षेत्रों में प्रवेश करते थे। इसके बाद उनके मददगार उन्हें मंजिल तक पहुंचाते थे।
वर्ष 2006 में सपवाल क्षेत्र में सेना के साथ एक मुठभेड़ हुई थी, लेकिन आतंकी भाग निकले थे। वहीं, इन्हीं जंगलों में कई बार संदिग्ध देखे जाते रहे हैं। अगस्त 2024 में भी रात को संदिग्ध देखे गए थे, जिसके बाद पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया था। अब इसी क्षेत्र से गोला-बारूद बरामद हुआ है।