पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह ने जन सुराज की सदस्यता रविवार को ग्रहण कर ली। पिछले दिनों उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर अपनी नई पार्टी बनाई थी। रविवार को उन्होंने इस पार्टी का विलय प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में कर दिया। भाजपा में आने के पहले रामचंद्र प्रसाद सिंह जदयू कोटे से केंद्र में मंत्री बने थे।
माना जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मर्जी के खिलाफ तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देने के कारण जदयू ने उनसे नाता तोड़ लिया था। बाद में जब नीतीश कुमार खुद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में वापस आए तो आरसीपी सिंह का भाजपा में रहना बेकार साबित हो रहा था। वह बिल्कुल किनारे पड़े थे।
प्रशांत किशोर ने इस मौके का फायदा उठाया और उन्हें अपने साथ बुला लिया। आरसीपी सिंह ने बिहार में जनता दल यूनाइटेड के संगठन को खड़ा करने में बेहद अहम भूमिका निभाई थी और माना जा रहा है की पीके की नजर में यही खूबी उनके काम आएगी।
आरसीपी ने जदयू नेताओं से की यह अपील : पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि मैंने अपनी पार्टी “आसा (आप सब की आवाज)” का विलय जन सुराज में कर दिया। मैं जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का आभार जताता हूं। आरसीपी सिंह ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपनी पार्टी का विलय जनसुराज में करूंगा, लेकिन ऊपरवाले को यही मंजूर था। जनता दल यूनाईटेड के नेताओं से अपील है कि जो लोग सीएम नीतीश कुमार की असली सोच से जुड़े थे, वह अब हमारे साथ आ जाएं। क्योंकि अब जदयू में राजनीति और जनसेवा जैसी कोई चीज नहीं बची।
पिछले साल आरसीपी सिंह ने बनाई थी अपनी पार्टी : पिछले साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) ने अपनी नई पार्टी बनाई थी। इसका नाम उन्होंने ‘आसा’ रखा था। मतलब समझाते हुए आरसीपी सिंह ने कहा था कि मेरी नई पार्टी का नाम आसा है। इसका मतलब है आप सबकी पार्टी। उस वक्त आरसीपी सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद दिया था। पूर्व केंद्रीय मत्री ने यह भी दावा किया था कि 140 लोग अभी ही हमारी पार्टी से चुनाव लड़ने को तैयार थे हमारा संगठन प्रखंड स्तर से लेकर जिला, राज्य स्तर तक होगा।