कांवड़ यात्रा : पहचान से बढ़ी बेचैनी, हटाने लगे मुस्लिम कर्मचारी; कुछ ने किराये पर दी दुकान

Kanwar-Yatra-Muzaffarnagar

मुजफ्फरनगर-NewsXpoz : कांवड़ मार्गों की खाने-पीने की दुकान पर संचालकों का नाम और पहचान अनिवार्य कर दिए जाने से दुकानदारों में बेचैनी बढ़ गई है। सरकार के फैसले के साथ ही मुजफ्फरनगर में कांवड़ मार्ग की दुकानों पर दुकानदारों ने अपने नाम वाले फ्लेक्स लगा रहे हैं। ढाबों से मुस्लिम कर्मचारी भी कांवड़ यात्रा तक के लिए हटाए जा रहे हैं। कई जगह स्वेच्छा से ही कर्मचारियों ने आने से इन्कार कर दिया है।

अल्पसंख्यक समाज के कुछ दुकानदारों ने दूसरे समुदाय के लोगों को दुकान किराए पर दी या फिर साझीदार कर लिया है। कई जगह दुकानों पर कांवड़ यात्रा के समापन तक के लिए ताला डाल दिया गया है। पश्चिमी यूपी के करीब 240 किमी के कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों के बीच ऊहापोह की स्थिति है। वहीं, बागपत में पुलिस ने कांवड़ मार्गों पर मीट की दुकानें और होटलों को बंद कराया। जिन्हें सावन माह के बाद खोला जाएगा।

उधर, मेरठ जोन एडीजी डीके ठाकुर ने जोन के सभी कप्तानों को इस संबंध में आदेश जारी सख्ती के साथ पालन कराने की हिदायत दी है। एडीजी ने कहा कि ये कोई नया आदेश नहीं है, पिछले साल भी इसे लागू कराया गया था। पूरे मेरठ जोन में शासन के इस आदेश का पालन कराया जाएगा। ठाकुर ने कहा कि मुजफ्फरनगर में एक साल पहले कांवड़ियों ने एक ढाबे पर खाना खाया। उनको बाद में पता चला कि ढाबे पर बाहर हिंदू नाम लिखा था, लेकिन उसके जो मालिक-कर्मचारी थे, वह दूसरे समुदाय के थे। इसे लेकर रोष उत्पन्न हो गया। तोड़फोड़ भी हुई। इन सबसे बचने के लिए पुलिस-प्रशासन ने कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया है।

ठाकुर ने कहा कि खासतौर से कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकानें हैं, वहां कावंड़िए खाने-पीने की चीजें लेते हैं। वहां पर कोई भ्रम उत्पन्न न हो, इसलिए जो भी दुकानें-ढाबें हैं, उन पर अपने मालिक का नाम लिखें। जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनके नाम लिखें ताकि जो कांवड़िए आएं तो उनको पता हो। इसके बाद वे वहां भोजन ग्रहण करें न करें, यह उनकी इच्छा है। इससे कांवड़ियों और ढाबे वालों को कोई दिक्कत नहीं होगी।

सलीम की दुकान बंद, वसीम का ढाबा चलाएगा मनोज : पुरकाजी निवासी सलीम छपार टोल प्लाजा के निकट लंबे समय से चाय की दुकान चला रहे हैं। पुलिस के फैसले के बाद कांवड़ यात्रा संपन्न होने तक दुकान बंद रखने का फैसला लिया है। वह कहते हैं कि परेशानी जरूरी होगी, लेकिन किसी झमेले में नहीं पड़ना चाहते। दुकान पर पर्दा लगा दिया गया है।

छपार के निकट ही बहेड़ी निवासी वसीम का ढाबा है। नए नियमों के बाद अब उसने ढाबा छपार निवासी मनोज पाल को एक माह के लिए किराए पर दिया है। वह कहते हैं कि हमें प्रशासन के नियम से कोई परेशानी नहीं है। कांवड़ यात्रा के बाद फिर से अपना काम शुरू कर दिया जाएगा।

गैर सनातनियों से सामान खरीदना अपवित्र-विश्वनाथ ट्रस्ट : सावन में कांवड़ यात्रा के दौरान मार्ग मेंं पड़ने वाली दुकानों के आगे प्रोपराइटर का नाम लिखने के मामले में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय का बयान आया है। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम के अंदर मौजूद दुकानदारों को बोर्ड पर अपना नाम लिखना होगा। कहा कि गैर सनातनी दुकानदारों से कुछ भी खरीदना अपवित्र हो जाता है।

उन्होंने योगी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही काशी विश्वनाथ धाम के अंदर मौजूद दुकानों के लिए भी नई व्यवस्था को लागू करने जा रहे हैं, जिसके तहत दुकानदारों को अपने बोर्ड पर नाम लिखना होगा।  इसके अलावा मंदिर के बाहर भी मौजूद अन्य दुकानों के लिए प्रशासन को सुझाव देंगे। उनका तर्क है कि भगवान को चढ़ाने वाले प्रत्येक प्रसाद की स्वच्छता जरूरी है। जो भक्त आते है वे स्नान ध्यान कर कपड़े बदलकर मंदिर में दर्शन करने जाते हैं।

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