नई दिल्ली : लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने वाली हैं। लालू के साथ ही अब उनके परिवार पर भी सीबीआई का शिकंजा है। सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) में अनियमितताओं से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी, बेटे और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
सीबीआई ने यह दलील विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष दी, जिन्होंने लालू प्रसाद, उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटे एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा अन्य के खिलाफ मामले में आरोपों पर दलीलें सुनना शुरू किया।
मामले में लगाए गए आरोपों में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार शामिल हैं, जिसके लिए अधिकतम सात साल की जेल की सजा हो सकती है। अदालत ने कहा, ‘आरोप के पहलू पर सीबीआई की ओर से आंशिक दलीलें सुन ली गई हैं। सीबीआई की ओर से आगे की दलीलें पेश करने के लिए एक मार्च, 2024 की तिथि निर्धारित की जाती है।’
अदालत ने सीबीआई को मामले में दस्तावेजों की सूची पेश करने का निर्देश भी दिया। अदालत ने यह आदेश तीन आरोपियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह द्वारा दायर एक याचिका पर दिया। आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं। यह मामला दो आईआरसीटीसी होटलों के संचालन के ठेके एक निजी कंपनी को दिए जाने में कथित अनियमितताओं से उपजा है।
सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, 2004 से 2014 के बीच एक साजिश रची गई थी, जिसके तहत पुरी और रांची में स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया और बाद में इन्हें इसके संचालन, रखरखाव के लिए सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेरफेर किया गया था और सुजाता होटल्स की मदद करने के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया। आरोपपत्र में आईआरसीटीसी के तत्कालीन समूह महाप्रबंधकों वी के अस्थाना और आर के गोयल तथा विजय कोचर एवं विनय कोचर, दोनों सुजाता होटल के निदेशक एवं चाणक्य होटल के मालिक के नाम हैं। डिलाइट मार्केटिंग कंपनी, जिसे अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जाना जाता है, और सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपपत्र में आरोपी कंपनी के तौर पर नामजद किया गया है।