बिहार में नहीं थम रहा पुलों के गिरने का सिलसिला, अब मोतिहारी में गिरी पुलिया

Motihaari-Pool

मोतिहारी : बिहार में पुलों के ध्वस्त होने का सिलसिला जारी है। अब मोतिहारी से एक पुलिया के ध्वस्त  होने की खबर आई है। जानकारी के मुताबिक पूर्वी चंपारण के मधुबन प्रखंड के लोहार्गवा गांव में दो लाख रुपए की लागत से बना आरसीसी पुलिया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।

14 में वित्त आयोग के अनुशंसा पर 2019 में  दो लाख रुपये की लागत से इस पुलिया का निर्माण कराया गया था। लेकिन पांच साल की अवधि के अंदर महज कुछ घंटों की बारिश में यह पुलिया ध्वस्त हो गई। वहीं इस पुलिया के ध्वस्त हो जाने से लगभग 500 से ज्यादा की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित हुई है।

पुलिया के ध्वस्त होने से अनुसूचित जाति और अति पिछड़े समाज के लोगों के टोले के बीच का संपर्क भी टूट गया है। वहीं लोहार्गवा गांव के लोगों का कहना है कि इस पुलिया के टूट जाने से वे काफी परेशान हैं। उनका संपर्क मार्ग बाधित हो गया। जिस वक्त यह पुलिया ध्वस्त हुई उस वक्त एक शख्स भी इसकी चपेट में आ गया और उसका हाथ फ्रैक्चर हो गया। लोगों का कहना है कि अगर पुल का निर्माण नहीं हो पाया तो आनेवाले बरसात के मौसम में हम सभी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

वहीं बिहार में पुलों के गिरने की घटना पर सियासत भी गरमाई हुई है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव जहां इसे डबल इंजन की सरकार की विफलता बता रहें  तो वहीं सत्ता पक्ष के लोग उन्हें पुराना इतिहास याद दिला रहे हैं। चिराग पासवान ने कहा कि जो लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि एनडीए सरकार लोगों को लूटने में लगी है तो वे यह तो बताएं कि पुलों का निर्माण किसके समय में हुआ। चिराग पासवान ने कहा कि जो लोग भी दोषी होंगे उन्हें चिह्नित करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जो पुल गिरे हैं या तो उनका निर्माण या तो कांग्रेस के समय में या फिर तेजस्वी के कार्यकाल में हुआ था।

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