PBKS vs KKR : पंजाब किंग्स ने रोमांचक मैच में केकेआर को 16 रनों से हराया

punjab-kings

मुल्लांपुर : स्पिनर युजवेंद्र चहल की अगुआई में गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन से पंजाब किंग्स ने कोलकाता नाइट राइटडर्स (केकेआर) को 16 रनों से हराया। पंजाब ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 15.3 ओवर में 111 रन बनाए, लेकिन जवाब में केकेआर की पूरी टीम 15.1 ओवर में 95 रन पर ऑलआउट हो गई। पंजाब ने इस तरह आईपीएल इतिहास में सबसे कम लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव कर लिया।

पंजाब ने इस मामले में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के 16 साल पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। सीएसके ने डरबन में 2009 में पंजाब के खिलाफ खेले गए मैच में सबसे कम लक्ष्य का बचाव किया था। उस वक्त सीएसके ने 117 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव किया था। पंजाब की टीम आठ विकेट पर 92 रन ही बना पाई थी।

अब श्रेयस अय्यर की अगुआई वाली टीम ने 16 साल बाद इस रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा और केकेआर को 112 रन का लक्ष्य हासिल नहीं करने दिया। केकेआर और पंजाब किंग्स के बीच हमेशा ही दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलता है। पिछले सीजन पंजाब ने केकेआर के ही खिलाफ आईपीएल का सबसे सफल लक्ष्य हासिल किया था। वहीं, अब आईपीएल का सबसे कम स्कोर का बचाव कर लिया।

पंजाब किंग्स के छह मैचों में चार जीत और दो हार के साथ आठ अंक हैं और वह अंक तालिका में चौथे स्थान पर है। वहीं, केकेआर की टीम सात मैचों में तीन जीत और चार हार के साथ छह अंक लेकर तालिका में छठे स्थान पर खिसक गई है। गुजरात टाइटंस की टीम छह मैचों में चार जीत और दो हार के साथ आठ अंक लेकर शीर्ष पर चल रही है।

चहल इस मैच में शानदार प्रदर्शन के दम पर आईपीएल में सर्वाधिक बार चार या इससे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। उन्होंने इस मामले में केकेआर के अनुभवी स्पिनर सुनील नरेन की बराबरी कर ली जिन्होंने चहल की तरह आईपीएल में आठ बार चार या इससे अधिक विकेट लिए हैं। केकेआर के खिलाफ यह तीसरी बार है जब चहल ने चार या इससे अधिक विकेट लिए हैं।

यह किसी गेंदबाज का किसी टीम के खिलाफ सर्वाधिक बार ऐसा करना है। लसिथ मलिंगा ने सात बार ऐसा किया है, जबकि कैगिसो रबाडा ने छह और अमित मिश्रा ने पांच बार ऐसा किया है।

लक्ष्य का पीछा करते हुए किसी भी समय केकेआर की स्थिति अच्छी नहीं रही और उसने पहले ही ओवर में विकेट गंवाए। हालांकि, कप्तान अजिंक्य रहाणे ने इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर उतरे अंगकृष रघुवंशी के साथ तीसरे विकेट के लिए 55 रनों की साझेदारी की, लेकिन इस साझेदारी के टूटते ही केकेआर की पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। अंत में आंद्रे रसेल ने जरूर कुछ बड़े शॉट खेलकर टीम को जीत दिलाने की कोशिश की, लेकिन दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरने के कारण वह अपनी इस कोशिश में सफल नहीं हुए।

केकेआर के लिए रघुवंशी ने सबसे ज्यादा 37 रन बनाए, जबकि रहाणे ने 17 और रसेल ने 17 रन बनाए। इन तीन बल्लेबाजों के अलावा केकेआर का कोई बल्लेबाज दहाई अंक तक नहीं पहुंच सका, जबकि उसके तीन बल्लेबाज तो खाता भी नहीं खोल सके। पंजाब के लिए चहल ने चार ओवर में 28 रन देकर चार विकेट लिए, जबकि तेज गेंदबाज मार्को यानसेन ने 17 रन देकर तीन विकेट लिए और टीम को अभूतपूर्व जीत दिलाने में अहम योगदान दिया।

इससे पहले, हर्षित राणा की अगुआई में गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया जिससे पंजाब की टीम पूरे 20 ओवर भी नहीं खेल सकी। पंजाब के लिए सबसे ज्यादा रन सलामी बल्लेबाज प्रभसिमरन सिंह ने बनाए। प्रभसिमरन सिंह ने 15 गेंदों पर दो चौकों और तीन छक्कों की मदद से 30 रन बनाए।  पहले बल्लेबाजी करते हुए प्रभसिमरन और प्रियांश आर्या ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई और टीम ने तीन ओवर में ही 30 रन का आंकड़ा पार कर लिया।

हालांकि, चौथा ओवर डालने आए हर्षित ने प्रियांश को आउट कर पंजाब को पहला झटका दिया जो 12 गेंदों पर तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 22 रन बनाकर आउट हुए। पंजाब की पारी यहां से लड़खड़ा गई और उसने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए। अच्छी लय में चल रहे कप्तान श्रेयस अय्यर तो खाता भी नहीं खोल सके।

पंजाब की बल्लेबाजी इस कदर खराब रही कि टीम के पांच बल्लेबाज ही दहाई अंक तक पहुंच सके। पंजाब के लिए शशांक सिंह ने 18 रन बनाए जिससे टीम का स्कोर 100 के पार पहुंच सका। इनके अलावा जेवियर बार्टलेट ने 11, नेहाल वढेरा ने 10, ग्लेन मैक्सवेल ने सात, सुर्यांश शेडगे ने चार और मार्को यानसेन ने एक रन बनाए।

वहीं, अर्शदीप सिंह एक रन बनाकर नाबाद लौटे। केकेआर की ओर से हर्षित सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने तीन ओवर में 25 रन देकर तीन विकेट लिए। उनके अलावा वरुण चक्रवर्ती और सुनील नरेन को दो-दो विकेट मिले, जबकि वैभव अरोड़ा और एनरिच नॉर्त्जे को एक-एक विकेट मिला।