पुरी : ओडिशा के पुरी की प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा में एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है. पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि पहंडी के दौरान भगवान बलभद्र गिर गए. इस दौरान आठ सेवायत घायल हो गए. घायल सेवायतों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. इनमें से पांच सेवायतों को गंभीर चोटें आईं. इनके नाम विनय दास महापात्र, नूतन दास महापात्र, अजय दास महापात्र, बाबूनी दास महापात्र और राम कुमार दास महापात्र है. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें भगवान बलभद्र रथ से गिरते हुए दिखाई दे रहे हैं.
इससे पहले बीती सात जुलाई को भी जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ को खींचते समय भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई थी. खींच-तान के कारण 400 से अधिक श्रद्धालु जमीन पर गिरकर घायल हो गए थे. इसके बाद घायलों को तुरंत पुरी मुख्य अस्पताल ले जाया गया था, जहां 50 भक्तों को प्राथमिक इलाज के बाद छोड़ दिया गया था. अन्य श्रद्धालुओं का इलाज अभी जारी है. हादसे में एक श्रद्धालु की दम घुटने से मौत हो गई थी.
शायद कुछ गलती हुई होगी, तभी भगवान ने सजा दी- प्रत्यक्षदर्शी : वहीं मंगलवार को हुए हादसे को लेकर प्रत्यक्षदर्शी पूजक बुलू खुंटिआ ने कहा कि ये भगवान की देन है. इसे हमें स्वीकार करना पड़ेगा. अगर हम हादसे को स्वीकार करते हैं तो हमें इस मुसीबत को भी स्वीकार करना पड़ेगा. शायद कुछ गलती हो गई होगी हमारी तरफ से, जिसकी वजह से हमको भगवान ये सजा दे रहे हैं. फिर भी ये सजा हल्की है. प्रत्यक्षदर्शी पूजक बुलू खुंटिआ कहा कि कुल आठ लोग घायल हुए हैं. इनमें से पांच लोगों को गंभीर चोट आई है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि तीन लोगों को मामूली चोट आई है.
जिला मजिस्ट्रेट ने दी हादसे की जानकारी : जिला मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ शंकर ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि भगवान बलभद्र के रथ पर एक छोटा से हादसा हुआ है. आठ लोग घायल हुए हैं. सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. किसी तरह के घबराने की जरूरत नहीं है. भगवान बलभद्र को भी दोबारा से रथ पर सवार कर लिया गया है. सभी सेवायतों ने समय रहते स्थिति को नियंत्रित कर लिया.
लाखों की संख्या में यात्रा में शामिल होते हैं भक्त : पुरी में 53 साल बाद भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा दो दिन की हो रही है. 1971 से यह रथ यात्रा एक दिन की हो रही थी. इस साल इसे दो दिन का किया गया है. हर साल होने वाली इस रथ यात्रा में हमेशा बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं. मान्यता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से 100 यज्ञ कराने के बराबर पुण्य मिलता है. इसीलिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस यात्रा में हिस्सा लेते हैं.