नई दिल्ली : ओडिशा के पुरी में रविवार को होने वाली वार्षिक श्री जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मौसी गुंडिचा देवी के मंदिर तक जाने के लिए भगवान जगन्नाथ के साथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ सज चुके हैं। आषाढ़ मास की द्वितीया को होने वाले इस भव्य आयोजन में देश-विदेश से 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने के अनुमान है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रथयात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ के रथ मार्ग पर प्रतीकात्मक सफाई की। इसे ‘पहिंदविधि’ नाम से जाना जाता है। अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर में तीनों विग्रहों के श्रृंगार के बाद रथ यात्रा की औपचारिक शुरुआत हुई।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में इस्कॉन की तरफ से रथयात्रा की तैयारियां हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मिंटो पार्क के पास 3सी अल्बर्ट रोड स्थित इस्कॉन मंदिर में रथ यात्रा का उद्घाटन करने वाली हैं। इस वर्ष की रथ यात्रा 53वां संस्करण है। यहां 46 साल पुराने रथ पर यात्रा निकाली जाती है। रथ के पहियों का वजन 250 किलो बताया जाता है, जबकि भगवान जगन्नाथ के रथ की ऊंचाई 46 फीट और बलभद्र का रथ 38 फीट ऊंचा है। पुरी के बाद कोलकाता की रथ यात्रा दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा मानी जाती है। पिछले साल 9 दिवसीय उत्सव में 20 लाख से ज़्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था।