कैथल : हरियाणा के कैथल शहर के माता गेट स्थित मेरी गोल्ड स्कूल में एक अनूठा और धार्मिक भावनाओं के अनुरूप भगवान के प्रति सकारात्मक सोच का मामला सामने आया है। इसमें लड्डू गोपाल का पांचवीं कक्षा का परिणाम जारी किया गया है।
यहीं नहीं, इस परिणाम में भगवान लड्डू गोपाल ने 500 में से 500 अंक लेकर कक्षा में टॉप भी किया है। दरअसल, लड्डू गोपाल रखने वाले अभिभावक की धार्मिक आस्था पर भगवान लड्डू गोपाल की जगह पर एक जरूरतमंद बच्चे को हर साल स्कूल प्रबंधन की ओर पढ़ाया जाता है। हालांकि इस बच्चे का परीक्षा परिणाम भगवान लड्डू गोपाल के परिणाम से अलग होता है।
परिणाम आने के बाद अब भगवान छठी कक्षा में हो गए हैं। बता दें कि शहर के सीवन गेट निवासी डॉ. संजीव वशिष्ठ ने यह दाखिला सांकेतिक करवाया। अब उनके स्थान पर छठी कक्षा में भी जरूरतमंद बच्चे को शिक्षित किया जाएगा। संजीव वरिष्ठ ने कहा कि भगवान लड्डू गोपाल उनके परिवार का हिस्सा हैं। जब भी कोई बच्चा स्कूल जाता है, तो घरवाले उसका दाखिला करवाते हैं। इसलिए अपने इष्ट को स्कूल में प्रवेश दिलाकर अपने भावों को प्रकट किया है।
वशिष्ठ ने बताया कि उनके परिवार की भगवान में आस्था है। परिवार लड्डू गोपाल को अगस्त 2013 में चंदाना गेट से एक कीर्तन से लेकर आए थे। जब उनकी आयु तीन साल की हुई तो वर्ष 2016 में शहर के मेरी गोल्ड पब्लिक स्कूल में दाखिले का आवेदन किया।
मेरीगोल्ड पब्लिक स्कूल के प्रबंधक सुरेंद्र अरोड़ा ने बताया कि संजीव ने उनके सामने लड्डू गोपाल के एडमिशन के लिए फार्म रखा तो वे असमंजस में पड़ गए। पूछा कि भगवान का दाखिला कैसे हो सकता है?
इसके बाद तत्कालीन डिप्टी डीईओ शमशेर सिंह सिरोही से बातचीत की। उन्होंने अभिभावक की धार्मिक भावना को देखते हुए उनका सांकेतिक दाखिला करने की अनुमति दे दी। इस दौरान उन्होंने शर्त लगाई गई कि जो फीस लड्डू गोपाल की होगी। उस फीस पर उनके स्थान पर हर साल एक जरूरतमंद बच्चे को शिक्षा दी जाए। इसके बाद यह प्रस्ताव संजीव के सामने रखा। संजीव ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया। साथ ही कहा कि जरूरतमंद बच्चे की शिक्षा पर जो खर्च आएगा, वे अपने लड्डू गोपाल के नाम से उठाएंगे। संजीव के इस प्रस्ताव को प्रबंधक ने स्वीकार कर लिया और लड्डू गोपाल को दाखिला दे दिया।
स्कूल की प्रधानाचार्य सरोज अरोड़ा ने बताया कि संजीव वशिष्ठ की स्वीकृति के बाद उन्होंने भी अगले दिन ही स्कूल में एक माधव नाम के जरूरतमंद बच्चे का दाखिला कर लिया। तत्कालीन डिप्टी डीईओ शमशेर सिंह सिरोही स्वयं उस समय लड्डू गोपाल व बच्चे का दाखिला करवाने के लिए स्कूल पहुंचे थे।
दाखिला कराने के बाद से ही जरूरतमंद बच्चे की शिक्षा का कार्य स्कूल में शुरू कर दिया गया।संजीव ने बताया कि वे पिछले साल से लड्डू गोपाल का एडमिशन स्कूल में कक्षा दर कक्षा करा रहे हैं। वे 800 रुपये की मासिक फीस भरते हैं। लड्डू गोपाल को कभी कभार स्कूल भी भेजा जाता है। उन्हें बच्चों के साथ एक टेबल पर बैठाया भी जाता है।