नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार से मॉरीशस की दो-दिवसीय यात्रा पर रहेंगे, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के तरीकों की खोज करना है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस यात्रा की घोषणा की है. अपने दौरे पर जयशंकर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ से मुलाकात करेंगे और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के थर्ड टर्म में दोबारा विदेश मंत्री बनाये जाने के बाद यह एस जयशंकर की पहली द्विपक्षीय बैठक होगी. यह यात्रा पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ की हालिया भारत यात्रा के बाद की जा रही है. जयशंकर ने इससे पहले फरवरी, 2021 में मॉरीशस का दौरा किया था.
दोनों देशों को लिए अहम है यह यात्रा : विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘यह यात्रा भारत-मॉरीशस संबंधों के महत्व को रेखांकित करती है. यह भारत की ‘पड़ोसी प्रथम की नीति’, विजन सागर और ग्लोबल साउथ (अल्प विकसित देशों) के प्रति प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करती है.’
इसमें कहा गया है कि यह दौरा बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों को गहरा करने के लिए दोनों देशों की निरंतर प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करता है. इस यात्रा के दौरान जयशंकर मॉरीशस के अन्य प्रमुख नेताओं के साथ भी बातचीत करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की दो-दिवसीय मॉरीशस दौरे पर कहा कि यह यात्रा दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं का व्यापक रूप से जायजा लेने का अवसर प्रदान करेगी.
मार्शल द्वीप गणराज्य के साथ हुए कई समझौते : वहीं, भारत और मार्शल द्वीप गणराज्य के बीच सोमवार को कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वीडियो संदेश के जरिए 10वें माइक्रोनेशियन खेलों के सफल आयोजन के लिए मार्शल द्वीप गणराज्य को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मार्शल द्वीप गणराज्य में चार सामुदायिक विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का अवसर खुशी की बात है. इसकी मदद से मार्शल द्वीप को काफी फायदा होगा. भारत इन परियोजनाओं के तहत मार्शल द्वीप में सामुदायिक खेल केंद्र, हवाई अड्डा टर्मिनल और सामुदायिक भवन भी बनाएगा.