मुंबई-NewsXpoz : हिन्दू हृदय सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज का घातक हथियार ‘वाघ नख’ लंदन से मुंबई आ चुका है. लंबे इंतजार के बाद महाराष्ट्र में सतारा के लोग शिवाजी महाराज के वाघ नख का दीदार कर सकेंगे. महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि छत्रपति शिवाजी का बाघ के पंजे के आकार का हथियार ‘वाघ नख’ बुधवार को लंदन से मुंबई लाया गया.
वाघ नख लाया जा चुका है : इस वाघ नख को अब पश्चिम महाराष्ट्र के सतारा ले जाया जाएगा, जहां 19 जुलाई से इसका प्रदर्शन किया जाएगा. मुनगंटीवार ने कहा कि वाघ नख लाया जा चुका है. हालांकि उन्होंने कोई और जानकारी नहीं दी. राज्य के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई ने मंगलवार को कहा था कि वाघ नख का सतारा में भव्य स्वागत किया जाएगा.
वाघ नख का लाया जाना प्रेरणादायक क्षण : उन्होंने कहा कि लंदन के एक संग्रहालय से लाए जाने वाले इस हथियार में ‘बुलेट प्रूफ’ कवर होगा. उन्होंने बताया कि इसे सात महीने के लिए सतारा के एक संग्रहालय में रखा जाएगा. सतारा के संरक्षक मंत्री देसाई ने मंगलवार को जिले के छत्रपति शिवाजी संग्रहालय में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी. देसाई ने कहा था कि महाराष्ट्र में वाघ नख का लाया जाना प्रेरणादायक क्षण है और इसका सतारा में भव्य स्वागत किया जाएगा.
वाघ नख का इतिहास : अब आपको शिवाजी महाराज के वाघ नख के रोचक इतिहास के बारे में बताते हैं. वाघ नख को बाघ का पंजा भी कहा जाता है. मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज का यह प्रसिद्ध हथियार था. यह एक गुप्त खंजर था जिसका इस्तेमाल वे आत्मरक्षा और युद्ध में करते थे.
17वीं शताब्दी में निर्मित : 17वीं शताब्दी में निर्मित, वाघ नख शिवाजी महाराज की वीरता और रणनीति का प्रतीक बन गया. लोहे से बना यह खंजर बाघ के पंजे के आकार का था, जिसमें चार या पांच घुमावदार ब्लेड थे. शिवाजी महाराज वाघनख का कुशलता से इस्तेमाल करते थे. अचानक हमला करके दुश्मनों को आश्चर्यचकित कर देते थे.
अफजल खान को वाघ नख से मारा : 1659 में शिवाजी महाराज ने बीजापुर के सेनापति अफजल खान की हत्या वाघनख से ही की थी. 1665 में, शिवाजी महाराज ने मुगलों से पन्हाला किला वापस लेने के लिए वाघनख का इस्तेमाल किया था. वाघनख शिवाजी महाराज के अदम्य साहस और पराक्रम का प्रतीक बन गया. यह एक प्रभावी हथियार था जिसने शिवाजी महाराज को कई युद्धों में जीत दिलाई.