SNMMCH : अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम कबाड़, सुरक्षा रामभरोसे

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धनबाद-NewsXpoz : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में फायर फाइटिंग सर्विस फेल है। आलम यह है कि अग्निशमन विभाग से एनओसी प्राप्त होने के बाद भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फायर फाइटिंग सर्विस काम नहीं कर रहा है। अस्पताल में आग से बचाव के लिए जो उपकरण लगाए गए थे, वे सभी खराब हो चुके हैं।

इमरजेंसी विभाग के बाहर से अग्नि बाल्टी गायब : एसएनएमएमसीएच के इमरजेंसी विभाग के बाहर से अग्नि बाल्टी बीते दिनों गायब हो गई। NewsXpoz की टीम ने जब अस्पताल का जायजा लिया तो देखा कि इमरजेंसी विभाग के छत पर टूटी बाल्टी फेंकी हुई है। वही इमरजेंसी विभाग के बाहर अग्नि बाल्टी का स्थान खाली है। अगर अस्पताल परिसर में अगलगी की घटना घटती है तो मरीजों को बचाना असंभव है, क्योंकि न तो बाल्टी है और न ही फायर उपकरण सही से काम करते है।

छत पर टूटी बाल्टी व फायर उपकरण

मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़ : ऐसे में अगर आग लग जाए तो मरीजों की जान भगवान भरोसे ही बच सकती है। एसएनएमएमसीएच में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। खास कर डीएमएफटी फंड से यहां न जाने कितने उपकरणों की खरीद की गई है, ताकि मरीजों को लाभ मिल सके। लेकिन मेडिकल कॉलेज में तमाम फायर सेफ्टी उपकरण शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं।

SNMMCH : अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम कबाड़, सुरक्षा रामभरोसे👉👉 newsxpoz.com/snmmch-fire-…शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में फायर फाइटिंग सर्विस फेल है। आलम यह है कि अग्निशमन विभाग से एनओसी प्राप्त होने के बाद भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फायर फाइटिंग सर्विस काम नहीं कर रहा है। Follow Us 🙏 NewsXpoz🙏 Whatsapp Channel👇: whatsapp.com/channel/0029…

NewsXpoz (@newsxpoz.bsky.social) 2025-03-24T04:49:17.623Z

अगर अस्पताल में आग लग जाए तो मरीजों को बचाना असंभव है। क्योंकि सारे उपकरण खराब हो चुके हैं। वर्तमान समय में आग लगने के कारण भी बढ़ गए हैं। अब शार्ट सर्किट से आग ज्यादा लग रही है। अस्पताल के इमरजेंसी, आईसीयू एवं अन्य भवनों में फायर सेफ्टी के कोई उपाय नहीं किया गया है। अस्पताल  में आग लगने के बाद वहां जानमाल की बड़ी क्षति हो सकती है।

केस स्टडी-1 : 01 मार्च 2024 को अस्पताल के डायलिसिस विभाग में भीषण अगलगी की घटना घटी थी। जिसमे दमकल विभाग की चार गाड़ियां मौके पर पहुंचकर काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था। बताते चले कि आगलगी की घटना शॉर्ट सर्किट से हुई थी। मालूम हो कि अगलगी की घटना से एक दिन पहले एक ट्रक में केमिकल की खेप यहां आई थी, जिसे यहां रखा गया था। शॉर्ट सर्किट के कारण आग केमिकल तक पहुंच गई थी। जिससे आग भड़क गई और भयानक रूप धारण कर लिया था।

केस स्टडी-2 : 04 सितम्बर 2024 को अस्पताल के लॉन्ड्री रूम में अगलगी की घटना घटी थी। जिसमे मरीजों को दिए जाने वाले कई बेडशीट जलकर राख हो गए थे। काफी मशक्कत के बाद दमकल की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया गया था।

केस स्टडी-3 : 02 नवंबर 2024 ओपीडी स्थित बिजली के कंट्रोल पैनल में शॉट सर्किट से आग लग गयी थी। इससे ओपीडी में मौजूद मरीजों व उनके परिजनों के बीच अफरा-तफरी मच गई थी। कंट्रोल पैनल में तेज आवाज के साथ शॉट-सर्किट हुआ था। इसके बाद कंट्रोल पैनल धू-धू कर जलने लगा था। ओपीडी में ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मी मौके पर मौजूद अग्निशमन यंत्रों से आग पर काबू पाया था।

हाजरा क्लीनिक में लगी थी भीषण आग : 28 जनवरी 2023 को धनबाद के हाजरा क्लीनिक में भीषण आग लग गई थी। जिसमें डॉक्टर दंपती समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी. हाजरा क्लीनिक में ही डॉक्टर विकास हाजरा और उनकी पत्नी डॉक्टर प्रेमा हाजरा रहती थीं, उस घटना में हाजरा दंपती की मौत हो गई थी। यह आग अस्पताल और उनके निवास स्थान के बीच में लगी थी। धीरे-धीरे आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। इस घटना में डॉक्टर दंपती के अलावा उनके यहां काम करने वाली मेड, कर्मी और एक रिश्तेदार की मौत हो गई थी।

फायर सेफ्टी सिस्टम खराब : अस्पताल में लगे फायर सेफ्टी सिस्टम के उपकरण खराब पड़े हैं और कुछ जगह पाइप और नोजल काम नहीं करते है।
 
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही : अस्पताल प्रशासन ने इन खामियों को ठीक करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। जिससे मरीजों की जान को खतरा है।

आग लगने की स्थिति में तैयारी का अभाव : अस्पताल में आग लगने की स्थिति में कर्मचारियों और मरीजों को सुरक्षित निकालने के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं है।

अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा का महत्व : अस्पताल में आग से सुरक्षा का महत्व कम करके नहीं आंका जा सकता। अस्पताल में ऐसे मरीज़ रहते हैं जो अक्सर आग लगने की स्थिति में खुद को बचाने में असमर्थ होते हैं। इन सुविधाओं में बहुत सारी मेडिकल गैसें और रसायन भी होते हैं जो आग को और भड़का सकते हैं, जिससे वे संभावित रूप से ज़्यादा घातक और विनाशकारी हो जाते हैं। इसके अलावा, जीवन रक्षक उपकरणों को चलाने के लिए लगातार बिजली की ज़रूरत आग से जुड़ी बिजली कटौती को एक गंभीर खतरा बना देती है।

इन अलग-अलग चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, जीवन, मूल्यवान चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा और निर्बाध महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को बनाए रखने के लिए कठोर अग्नि सुरक्षा उपायों को लागू करना महत्वपूर्ण है। अस्पतालों में पर्याप्त अग्नि सुरक्षा न केवल नियामक मानकों को पूरा करती है बल्कि समुदाय की समग्र भलाई और सुरक्षा को भी बढ़ावा देती है।

महत्वपूर्ण अग्नि सुरक्षा उपकरण और प्रणालियाँ : स्प्रिंकलर जैसी स्वचालित अग्नि शमन प्रणालियां अग्निशमन कर्मियों के पहुंचने तक आग पर नियंत्रण रख सकती हैं, जिससे समय की बचत होती है और क्षति सीमित होती है।

आग से बचने के लिए पूर्व चेतावनी और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अग्नि अलार्म और पहचान प्रणालियां भी महत्वपूर्ण हैं। पूरे परिसर में कई स्थानों पर अग्निशामक यंत्र आसानी से उपलब्ध और सुलभ होने चाहिए। अत्याधुनिक EPSS अपरिहार्य है। यह सुनिश्चित करता है कि आग लगने या अन्य बिजली विफलता के दौरान जीवन रक्षक उपकरण बिना किसी रुकावट के काम करते रहें।

अग्नि दरवाजे और धुएँ के परदे भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। ये तत्व आग को रोकने और धुएँ के फैलाव को सीमित करने में मदद करते हैं, ताकि निकासी के लिए अधिक समय मिल सके और नुकसान कम हो। उदाहरण के लिए, स्मोक गार्ड के धुएँ के परदे आग की घटना में धुएँ के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए एक प्रभावी समाधान हैं। रिपोर्ट : अमन्य सुरेश (8340184438)