जमशेदपुर : दलमा में बाघ पहुंच गया है. इसके साथ ही कोल्हान में पहली बार बाघ के होने की पुष्टि हुई है. ट्रैप कैमरे में पहली बार बाघ को देखा गया है. ये कैमरे दलमा जंगल में लगाये गये हैं. अब तक सिर्फ बाघ के पंजे ही दिखते थे, इस बार ट्रैप कैमरे की तस्वीर से बाघ के होने की पुष्टि हुई है.
बाघ दोबारा दलमा में पहुंचा है. वन्यजीव के जानकारों का कहना है कि यह सुखद संकेत है. ऐसा लग रहा है कि दलमा जंगल की आब-ओ-हवा बाघ को रास आ रही है. वन विभाग लगातार बाघ का पीछा कर रहा था. डीएफओ सबा आलम अंसारी के दिशा-निर्देश पर पूरी टीम यहां काम कर रही थी. 31 दिसंबर को पहली बार बाघ के होने की सूचना मिली थी. इसके बाद से वन विभाग सक्रिय था.
वन विभाग को मिली जानकारी के मुताबिक, यह बाघ पहले छत्तीसगढ़ से होते हुए पलामू टाइगर रिजर्व एरिया पहुंचा. यहां से गुमला, चांडिल होते हुए दलमा पहुंचा है. दलमा में रहने के बाद यह बाघ घाटशिला गया. वहां से पश्चिम बंगाल के पुरुलिया और फिर बांकुड़ा चला गया. वहां से यह बाघ झाड़ग्राम होते हुए घाटशिला और अब दलमा पहुंचा है.
दलमा में दाखिल होने से पहले यह बाघ घाटशिला अनुमंडल के डुमकाकोचा में था. डुमकाकोचा से दलमा में दाखिल होने के दौरान ट्रैप कैमरे में इस बाघ को देखा गया. करीब 40 से अधिक कैमरे सिर्फ दलमा में लगाये गये हैं. आसपास के एरिया में भी 40 से अधिक कैमरे लगे हैं. बाघ देखे जाने के बाद वन विभाग सतर्क है. डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि बाघ एक बार फिर दलमा पहुंचा है. फिलहाल वह दलमा के कोर एरिया में विचरण कर रहा है. उस पर नजर रखी जा रही है.