वॉशिंगटन : अमेरिका ने भारत को 10 मिलियन डॉलर (करीब 83 करोड़ रुपये) कीमत की 1,400 से ज्याादा प्राचीन वस्तुएं लौटा दी हैं। इनमें मध्य प्रदेश से 1980 के दशक में लूटी गई एक बलुआ पत्थर की मूर्ति और राजस्थान से 1960 के दशक में लूटी गई एक हरे-भूरे रंग की मूर्ति भी शामिल हैं। इसके अलावा, आने वाले महीनों में 600 से अधिक लूटी गई प्राचीन वस्तुएं भी भारत को वापस की जाएंगी।
मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एल्विन एल के एक बयान के मुताबिक, ‘ये प्राचीन वस्तुएं न्यूयॉर्क में एक समारोह के दौरान लौटाई गईं, जिसमें भारतीय वाणिज्य दूतावास के मनीष कुलहरी और न्यूयॉर्क होमलैंड सिक्योरिटी की सांस्कृतिक संपत्ति, कला और प्राचीन वस्तुओं की टीम की समूह पर्यवेक्षक एलेक्जेंड्रा डि आर्मस भी मौजूद थीं।’
बलुआ पत्थर की मूर्ति: यह मूर्ति मध्य प्रदेश के एक मंदिर से 1980 के दशक में चोरी की गई थी। चोरों ने इसे दो हिस्सों में काटकर इसे तस्करी के लिए आसान बनाया था। 1992 में इसे लंदन से अवैध रूप से न्यूयॉर्क लाया गया। फिर इसे दोबारा जोड़कर मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट (मेट) में दान कर दिया गया था। यह मूर्ति मेट म्यूजियम में रही, जब तक इसे 2023 में एंटी विक्विटी ट्रैफिक यूनिट (एटीयू) द्वारा जब्त नहीं किया गया।
तनेसर देवी मां की मूर्ति: यह हरे-भूरे रंग के पत्थर से बनी मूर्ति राजस्थान के तनेसर-महादेव गांव से लूटी गई थी। इसकी जानकारी 1950 के दशक के अंत में भारतीय पुरातत्व विभाग ने दस्तावेजों में दर्ज किया था। लेकिन 1960 के दशक की शुरुआत में यह मूर्ति चोरी हो गई। बाद में 1968 में यह न्यूयॉर्क के एक गैलरी में पहुंची। फिर यह दो संग्रहकर्ताओं के पास रही। फिर 1993 में मेट म्यूजियम पहुंच गई। यह मूर्ति 2022 में एटीयू ने जब्त की थी।
तस्करों ने अपने नेटवर्क के जरिए इन प्राचीन वस्तुओं की चोरी की। इनमें प्राचनी वस्तु तस्कर सुभाष कपूर और तस्कर नैन्सी वीनर का नाम भी शामिल है। न्यूयॉर्क के डिस्ट्रिक्ट प्रोसिक्यूटर एल्विन एल ब्रैग जूनियर ने कहा, हम प्राचीन वस्तुओं की तस्करी करने वाले उन नेटवर्क की निगरानी करना जारी रखेंगे, जिन्होंने भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को निशाना बनाया है।
डिस्ट्रिक्ट प्रोसिक्यूटर की एंटी विक्विटी ट्रैफिकिंग यूनिट ने 30 सेअधिक देशों से लूटी गई 2,100 से अधिक प्राचीन वस्तुएं बरामद की हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 230 मिलियन डॉलर (करीब 1,700 करोड़ रुपये) है। इस वर्ष 600 से अधिक लूटी गई भारतीय प्राचीन वस्तुएं बरामद की जा चुकी हैं और आने वाले महीनों में उन्हें भारत वापस भेजा जाएगा।