चेन्नई : श्रीलंकाई नौसेना की तरफ से भारतीय मछुआरों को पकड़ने का सिलसिला जारी है। रविवार की सुबह आठ भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने पकड़ और उनके पास से दो नावों को जब्त कर लिया। पकड़े गए मछुआरे तमिलनाडु के रामनाथपुरम के रहने वाले हैं। उनकी पहचान मंगदु भत्रप्पन, रेड्डयूरानी, कन्नन, चिन्ना रेड्डयूरानी मुथुराज, अगस्तियार कुटम काली और थंगाचिमद यासीन, जीसस, उचिपुल्ली रामकृष्णन और वेलु के तौर पर की गई है।
श्रीलंकाई नौसेना ने भारतीय मछुआरों को पकड़ा : मंडपम मछुआरा संघ के अनुसार, पकड़े गए मछुआरे मंडपम से समुद्र की तरफ गए थे। वे पाक खाड़ी के समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ रहे थे। आज सुबह श्रीलंकाई नौसेना इस क्षेत्र में आई और मछुआरों के सीमा पार करने का दावा करने लगे। कल सात दिसंबर को रामनाथपुरम के मंडपम उत्तर तट से 324 नावों में मछुआरे पाक खाड़ी क्षेत्र में डेल्फ्ट द्वीप के पास मछली पकड़ रहे थे। श्रीलंकाई नौसेना आज सुबह इस क्षेत्र में पहुंची और दो नावों आईएनडी टीएन 11 एमएम को जब्त कर लिया।
जांच के बाद जाफना मत्स्य विभाग के हवाले किए गए मछुआरे : जांच के बाद मछुआरों और नावों को जाफना मत्स्य विभाग के अधिकारियों को के हवाले कर दिया गया। इससे मछुआरों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। बता दें कि भारत और श्रीलंका के संबंधों में मछुआरों का मुद्दा एक विवादास्पद मुद्दा है। इस तरह की ज्यादातर घटनाएं पाक जलडमरूमध्य में होती हैं। यह तमिलनाडु से उत्तरी श्रीलंका के बीच एक पट्टी है। यह मछलियों के लिए समृद्ध क्षेत्र माना जाता है।
सीएम स्टालिन ने केंद्र से की थी अपील : इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी को एक गंभीर मुद्दा बताते हुए केंद्र सरकार से ठोक और सक्रिय कदम उठाने की अपील की थी। सीएम स्टालिन की चिट्ठी पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मुद्दे पर उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि कोलंबो में भारतीय उच्चायोग और जाफना में वाणिज्य दूतावास हिरासत में लिए गए लोगों की शीघ्र रिहाई के लिए ऐसे मामलों को तेजी से और लगातार उठा रहे हैं।