जोधपुर : राजस्थान के जोधपुर में पत्नी की प्रताड़ना से परेशान होकर पति ने अपनी मां और भाई के साथ सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली। मामला ओसियां थाना क्षेत्र में का है। जानकारी के अनुसार, मंगलवार को एक ही परिवार के तीन लोगों ने घर की बहू से परेशान होकर आत्महत्या कर ली।
इस सामूहिक आत्महत्या मामले में सोशल मीडिया पर कुछ स्क्रीन शॉट वायरल हुए थे। जिसके बाद मृतकों के दोस्तों और समाज के लोगों ने दोषियों की गिरफ्तारी नही होने तक शव उठाने से इनकार कर दिया। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में ले लिया है। इसके बाद लोगों ने पोस्टमार्टम करवाने के लिए सहमति दी। एएसपी भोपाल सिंह लखावत ने बताया कि परिजनों की मांग पर दो जनों को हिरासत में लिया गया है। फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है।
गौरतलब है कि बिगमी गांव में 27 वर्षीय नवरत्न सिंह, 24 वर्षीय प्रदीप सिंह और उनकी मां भंवरी देवी ने जहर खाकर आत्महत्या कर लिया था। उस समय घर पर नवरत्न की पत्नी नीतू मौजूद थी। आत्महत्या से पहले दोनों भाइयों ने अपने दोस्त को डिब्बी में सोने के आभूषण और एक नोट दिया और कहा था कि इसे दो घंटे बाद खोलना। जब दोस्त ने डिब्बा खोला तो उसमें एक सुसाइड नोट निकला। इसमें उसने पत्नी और उसके परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। इसके बाद उसने पुलिस को सूचित किया, लेकिन तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी।
इस आत्महत्या को लेकर कुछ स्क्रीनशॉट वायरल हुए थे, जिनमें मृतक नवरत्न सिंह और उसके भाई ने अपनी पत्नी नीतू, ससुर लाल सिंह और साले श्रवण सिंह और हुकुम सिंह पर आरोप लगाए थे। ऐसे मैसेज पुलिस को भी भेजे गए हैं। बुधवार को नवरत्न सिंह के मामा ने लालसिंह, नीतू कंवर, हुक्मसिंह व श्रवणसिंह के खिलाफ रिपोर्ट दी थी, जिस पर मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले में मृतक ने सुसाइड नोट के साथ ही अपनी अंतिम वसीयत भी लिख दी। इस लिहाज से मृतक के परिजन और समाज के लोग इस बात को लेकर खड़े हुए हैं कि उनकी अंतिम वसीयत और इच्छा के अनुसार उनकी तमाम संपत्ति का निस्तारण किया जाए। एसडीएम ने भी उन्हें आश्वासन दिया है हालांकि यह रिवेन्यू बोर्ड से जुड़ा मामला है क्योंकि सुसाइड नोट के साथ वसीयत का संभावित यह पहला मामला सामने आया है। ऐसे में प्रशासन भी विधिक पहलुओं पर इस मामले के निस्तारण को लेकर जुटा है।
भाई की पत्नी नीतू कंवर गांव मण्डला एवं उसके पापा लालसिंह जी मण्डला, उसके भाई हुकमसिंह एवं श्रवणसिंह जरूर मिलनी चाहिए। हमको पिछले तीन महीनों से बहुत परेशान और मजबूर किया। डिब्बी में शेर के नाखून वाली चैन हितेंद्र सिंह बावड़ी की है। रावल सिंह बावड़ी से बात करके उसको दे देना। मेरी मासी और मासीजी को दो लाख रुपए इस सोने की चेन में से दे देना। घर आकर मेरी गाड़ी ले जाना जो पैसे मिले उसे मेरे गांव बिगमी की गौशाला में दान दे देना।
Plz भैया साथ देना, निवेदन है। बड़ा भाई समझकर आपको जो काम कहे है किसी दूसरे पर विश्वास नही था। मेरा कोई काम पीछे मत छोड़ना भाईया। निःसंकोच होकर सब काम करना। हम तीनों मां बेटों की जमीन गोचर कर देना। किसी के हाथ मत लगने देना।