भावनगर : एक मालगाड़ी और यात्री ट्रेन के लोगो पायलटों ने पिछले दो दिनों में गुजरात के भावनगर में समय पर ब्रेक लगाकर रेलवे पटरियों पर घूम रहे आठ शेरों की जान बचाई। एक अधिकारी ने रविवार को इसकी जानकारी दी। पश्चिम रेलवे के भावनगर डिवीजन के लोको पायलटों की सतर्कता और वन विभाग के ट्रैकर्स की मदद से इस साल अबतक 104 शेरों को बचाया गया है।
एक विज्ञप्ति के अनुसार, गुरुवार को हापा से पीपावाव बंदरगाह की तरफ जा रही एक मालगाड़ी के लोको पायलट ने राजुला शहर के पास पांच शेरों को रेलवे ट्रैक पार करते देखा। लोको पायलट ने शेरों को रेलवे ट्रैक पार करने और ट्रेन को रोकने के लिए इमरजेंसी ब्रेक लगाया। विज्ञप्ति में कहा गया कि वन रक्षक के मौके पर पहुंचने और सभी स्थितियां सामान्य पाए जाने के बाद ट्रेन को आगे बढ़ने की अनुमति दी गई।
इसी तरह शुक्रवार को एक यात्री ट्रेन के लोको पायलट ने चलाला-धारी सेक्शन में एक शेर और उसके दो बच्चों को ट्रैक पार करते हुए देख इमर्जेंसी ब्रेक लगाई। जानकारी मिलने पर वन रक्षक मौके पर पहुंचे। घटनास्थल पर पहुंचकर उन्होंने देखा कि शेर रेलवे ट्रैक पार कर चुके हैं। स्थितियां सामान्य होने पर ट्रेन को आगे बढ़ने की अनुमति दी गई।
पिपावाव बंदरगाह को उत्तरी गुजरात से जोड़ने वाली रेलवे लाइन पर एशियाई शेर या तो गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं या फिर उनकी मौत हो जाती है। गुजरात हाई कोर्ट ने इस पर चिंता जताई। उन्होंने ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अधिकारियों से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया (एसओपी) लाने का निर्देश दिया। भावनगर डिवीजन ने लोको पायलटों से निर्धारित गति का पालन करते हुए विशेष सतर्कता के साथ काम करने का निर्देश दिया। राज्य वन विभाग ने शेरों को बचाने के लिए कुछ स्थानों पर रेलवे ट्रेक के किनारे बाड़ लगाई है।