नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने भारतीय नौसेना को मध्यम दूरी के माइक्रोवेव आब्स्क्यूरेंट चैफ रॉकेट (एमआर-एमओसीआर) सौंपा है। यह आसानी से दुश्मन की रडार में नहीं आता। इसमें उपयोग की गई विशेष तकनीक इसके चारों ओर माइक्रोवेव शील्ड बनाकर रडार के संकेतों को अस्पष्ट कर देती है। इसे डीआरडीओ की रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर में विकसित किया गया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस मध्यम दूरी के चैफ रॉकेट में कुछ माइक्रोन व्यास वाले विशेष प्रकार के फाइबर का इस्तेमाल किया गया है। जब इसे दागा जाता है तो पर्याप्त समय और क्षेत्र में यह माइक्रोवेव आब्सक्योर क्लाउड का निर्माण करता है। इस तरह रेडियो फ्रीक्वेंसी पकड़ने वाले उपकरणों से बचने के लिए एक कवच का काम करता है।