रांची : जीवन शैली में बदलाव, रहन-सहन, खान-पान, पर्यावरण और जेनेटिक कारणों से आज डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग और अस्थमा जैसी कई गैर संचारी बीमारियां (नॉन कम्युनिकेबल डिजीज) लोगों को तेजी से अपनी गिरफ्त में लेती जा रही हैं। हर घर में कमोबेश ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं।
अगर हम सभी अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क नहीं हुए तो ऐसी बीमारियां हमारी जिंदगी के लिए खतरा बन सकती हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को झारखंड विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रबीन्द्र नाथ महतो की अध्यक्षता में यूनिसेफ की ओर से आयोजित “राउंड टेबल ऑन प्रीवेंटिंग चाइल्डहुड नॉन कम्युनिकेबल डिसीज थ्रू हेल्दी डाइट्स” पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी जिंदगी के लिए खतरनाक बनती जा रही कैंसर और हृदय रोग जैसी गैर संचारी बीमारियों से बचने के लिए हमें अपनी जीवन शैली में बदलाव लाने के साथ खान-पान में हेल्दी डायट्स के इस्तेमाल एवं ज्यादा से ज्यादा शारीरिक गतिविधियों (फिजिकल एक्टिविटीज) पर फोकस करने की जरूरत है। अगर हम लापरवाही बरतते हैं तो आगे चलकर ऐसी बीमारियों के इलाज में काफी खर्च करना पड़ सकता है, वहीं पूर्ण स्वस्थ होने की गारंटी भी नहीं दी जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तरह-तरह की बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। ये बीमारियां कैसे और किन लोगों को अपनी चपेट ले रही हैं, इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए राज्य स्तर पर हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाने पर विशेष जोर है, ताकि बीमारी का प्रॉपर ट्रीटमेंट संभव हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को आधुनिक और बेहतर बनाने के लिए हमारी सरकार लगातार कार्य कर रही है, ताकि लोगों को होने वाली बीमारी की पहचान के साथ उसके समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कई ऐसे हिस्से हैं, जहां लोगों में विशेष तरह की बीमारियां ज्यादा देखने को मिलती हैं। सिमडेगा जैसे जिलों में सिकल सेल और एनीमिया जैसी बीमारियां आम हैं तो साहिबगंज और संथाल के हिस्सों में कालाजार का प्रभाव ज्यादा है। ऐसी और भी कई बीमारियां हैं, जो क्षेत्र विशेष में विशेष रूप से लोगों को हो रही हैं। ऐसे में क्षेत्र विशेष तथा वहां व्याप्त बीमारियों को चिन्हित कर उसके समुचित इलाज की व्यवस्था सरकार द्वारा की जा रही है, ताकि उन इलाकों में रहने वाले लोगों और उनकी आने वाली पीढियां को ऐसी बीमारियों से बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नई-नई बीमारियां तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। इसके पीछे कहीं न कहीं सबसे बड़ी वजह हमारा खान-पान है। आज ज्यादा से ज्यादा जंक फूडस का इस्तेमाल बच्चों को बीमार बना रहा है और आगे चलकर उन्हें कई गंभीर बीमारियां भी हो रही हैं।
अगर हमें अपने को स्वस्थ रखना है तो अपने खान-पान में लोकल इंडिजिनस फूड्स (मिलेट्स) लेना होगा। बच्चों को जंक फूड्स की बजाय हेल्दी डाइट्स दें। आज हमें अपने फूड हैबिट्स में बदलाव लाना बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बच्चों में जन्म के साथ कई बीमारियां हो जाती हैं। बीमारियों का अगर समय पर इलाज नहीं हुआ तो बच्चे की स्थिति काफी खराब हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि नवजात में होने वाली बीमारियों की प्रॉपर जांच के साथ उसका तुरंत समुचित इलाज होना चाहिए। इस दिशा में भी हमारी सरकार ने कई ठोस कदम उठाया है, ताकि बच्चों को रोग मुक्त रख सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले गरीब ग्रामीणों तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में यूनिसेफ जैसी संस्थाओं की अहम भागीदारी रही है। आज राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं के साथ मिलकर हर व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए संकल्पित है। हमारा प्रयास है कि जंगल, पहाड़ों, तलहटी और सुदूरवर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी इलाज की अच्छी सुविधा उपलब्ध करा सकें और इसमें स्वयंसेवी संस्थाएं अहम भूमिका निभा सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कई रोगों के उन्मूलन की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है और इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। इस अवसर पर मंत्री योगेंद्र महतो, मंत्री सुदिव्य कुमार, विधायक कल्पना सोरेन समेत कई और विधायक गण, यूनिसेफ की आस्था अलंग एवं डॉ. कनीनिका मित्रा तथा अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे।