नई दिल्ली : भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत म्यांमार में आपदा राहत और बचाव अभियान के विशेष मदद भेजी। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के पांच विमान यंगून और नेपीडॉ में उतरे। ये विमान आपदा राहत सामग्री (एचएडीआर), 60 पैरा फील्ड एंबुलेंस और एडीआरएफ कर्मियों को लेकर पहुंचे। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने यह जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘ऑपरेशन ब्रह्मा जारी है। दो सी-17 विमान 118 सदस्य वाले भारती सेना फील्ड अस्पताल इकाई के साथ म्यांमार पहुंचे, जिसमें महिला एवं बाल देखभाल सेवाएं भी शामिल हैं। साथ ही, 60 टन राहत सामग्री भेजी गई है। भारत से कुल पांच राहत विमान म्यांमार पहुंचे।’ ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत सी-130 विमान नेपीडॉ में उतरा, जिसमें एनडीआरएफ के 38 कर्मी और 10 टन राहत सामग्री शामिल है।
म्यांमार में विनाशकारी भूकंप के बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1644 तक पहुंच गया है। वहीं, 2000 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही म्यांमार में राहत और बचाव अभियान बड़े पैमाने पर जारी है। 28 मार्च को लगातार छह भूकंप के झटकों से म्यांमार थर्रा गया था। बीते दो दिनों में म्यांमार में कुल 16 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए।
म्यांमार की राष्ट्रीय एकता सरकार (एनयूजी) ने भूकंप राहत कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आंशिक संघर्षविराम की घोषणा की है। शनिवार रात जारी बयान में कहा गया कि इसकी सशस्त्र शाखा पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) ने रविवार से भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में सैन्य हमलों को रोकने का फैसला किया है।
एनयूजी ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर राहत कार्यों में सहयोग करेगा। इसके तहत सुरक्षा व्यवस्था, परिवहन सुविधा, अस्थायी राहत व चिकित्सा शिविरों की स्थापना सुनिश्चित की जाएगी।
थाई बचाव दल ने शनिवार को थाईलैंड के चाटुचक स्थित जे.जे.मॉल के पास रोबोटिक वाहनों का इस्तेमाल किया, जहां भूकंप के कारण निर्माणाधीन इमारत गिर गई। म्यांमार के सगाइंग क्षेत्र में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इस बीच, हवाई और नौसेना मिशनों के जरिए 137 टन राहत सामग्री भेजी गई है। भारत ने म्यांमार की जरूरत के मुताबिक और मदद भेजने का आश्वासन दिया है।