‘आप मेरे अच्छे दोस्त लेकिन सही व्यवहार नहीं कर रहे’, ट्रंप ने भारत समेत इन देशों पर लगाया भारी टैरिफ

Donald-TRump-Indiia

नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान कर दिया. उन्होंने सभी देशों से ऑटो सेक्टर में होने वाले आयात पर 10 प्रतिशत का आधारभूत कर लगाने तथा अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष रखने वाले दर्जनों देशों पर हाई टैरिफ लगाने की घोषणा की. 

जिन देशों पर टैरिफ लगाया गया है, उस सूची में भारत भी शामिल है. ट्रंप ने भारत को व्यापार के लिए मुश्किल देश लगाते हुए 26 फीसदी टैरिफ लगाया है. जबकि चीन पर 34 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया गया गया है. ट्रंप के इस फैसले से ग्लोबल इकोनॉमी में उथल-पुथल मचने और वैश्विक व्यापार युद्ध छिड़ने का खतरा पैदा हो गया है.

ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में प्रेसवार्ता कर टैरिफ लगाने का ऐलान किया. उन्होंने कहा, ‘आज मुक्ति दिवस है. इतिहास में 2 अप्रैल 2025 का दिन इतिहास में अमेरिकी उद्योगों के पुनर्जन्म के रूप में याद किया जाएगा. वो दिन, जब अमेरिका भाग्य फिर से जागा और हमने उसे फिर से समृद्ध बनाने का काम शुरू किया.’

उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका अन्य देशों से मोटरसाइकिलों के आयात पर केवल 2.4 प्रतिशत शुल्क लेता है.जबकि थाईलैंड समेत बाकी देश हमसे 60 फीसदी तक कर वसूल रहे हैं. जैसे कि भारत हमसे 70 प्रतिशत शुल्क लेता है और वियतनाम 75 प्रतिशत शुल्क लेता है. कई देश तो इससे भी ज्यादा शुल्क वसूलते हैं.’

ट्रंप ने जिन देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. उनकी सूची इस प्रकार है:-

  1. चीन: 34 प्रतिशत
  2. यूरोपीय संघ: 20 प्रतिशत
  3. दक्षिण कोरिया: 25 प्रतिशत
  4. भारत: 26 प्रतिशत
  5. वियतनाम: 46 प्रतिशत
  6. ताइवान: 32 प्रतिशत
  7. जापान: 24 प्रतिशत
  8. थाईलैंड: 36 प्रतिशत
  9. स्विट्जरलैंड: 31 प्रतिशत
  10. इंडोनेशिया: 32 प्रतिशत
  11. मलेशिया: 24 प्रतिशत
  12. कंबोडिया: 49 प्रतिशत
  13. यूनाइटेड किंगडम: 10 प्रतिशत
  14. दक्षिण अफ्रीका: 30 प्रतिशत
  15. ब्राजील: 10 प्रतिशत
  16. बांग्लादेश: 37 प्रतिशत
  17. सिंगापुर: 10 प्रतिशत
  18. इजरायल: 17 प्रतिशत
  19. फिलीपींस: 17 प्रतिशत
  20. चिली: 10 प्रतिशत
  21. ऑस्ट्रेलिया: 10 प्रतिशत

अपने सहयोगी देशों को भी रगड़ते हुए ट्रंप ने कहा, ‘विदेश में बनी गाड़ियों के आयात पर हम 2.5 फीसदी टैक्स लेते हैं लेकिन यूरोपीय संघ हमसे 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क लेता है और ऊपर से 20 प्रतिशत वैट भी लगाता है. जो कि बहुत अधिक है. भारत 70 प्रतिशत शुल्क लेता है. वहीं दक्षिण कोरिया, जापान और दूसरे कई देशों में इससे भी ज्यादा व्यापार प्रतिबंध लगाए गए हैं.’

टैरिफ की घोषणा करते समय, ट्रंप ने एक चार्ट दिखाया जिसमें भारत, चीन, यूके और यूरोपीय संघ जैसे देशों की ओर से लगाए गए टैरिफ और अमेरिका की ओर से उन पर लगाए रेसिप्रोकल टैरिफ दिखाए गए थे, जो अब इन देशों को चुकाने होंगे. ट्रंप ने कहा कि भारत ने मुद्रा में हेरफेर व्यापार बाधाओं के साथ अमेरिकी गाड़ियों पर 56 फीसदी टैरिफ लगा रखा है. लेकिन अमेरिका उस पर रेसिप्रोकल टैरिफ के बजाय 26 प्रतिशत का रियायती पारस्परिक टैरिफ लगाएगा.

पीएम मोदी के साथ अपने संबंधों पर बोलते हुए ट्रंप ने कहा, ‘भारत बहुत बहुत सख्त है. प्रधानमंत्री (पीएम मोदी) अभी-अभी मुझसे मिलकर गए हैं. वे मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, लेकिन मैंने कहा कि आप मेरे दोस्त हैं. इसके बावजूद आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं. आप हमसे 52 प्रतिशत शुल्क लेते हैं. आपको समझना होगा कि हमने सालों-साल से आपसे कोई चार्ज नहीं लिया. जब 7 साल पहले मैं सत्ता में आया तो हमने इन चीजों पर ध्यान देना शुरू किया और चीन के साथ इसकी शुरुआत की.’

ट्रम्प ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका चीन से आयात पर 34 प्रतिशत कर लगाएगा, यूरोपीय संघ से आयात पर 20 प्रतिशत कर लगाएगा, दक्षिण कोरिया पर 25 प्रतिशत, जापान पर 24 प्रतिशत और ताइवान पर 32 प्रतिशत कर लगाएगा. अपने स्वभाव के अनुरूप तीखी भाषा शैली का इस्तेमाल करते हुए ट्रंप ने कहा, हमारे देश को अन्य देशों द्वारा लूटा गया, बलात्कार किया गया. अब हमने सब कुछ सही करने का फैसला किया है. इससे सालाना सैकड़ों अरबों राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है.

ट्रंप की ओर से घोषित किया गया टैरिफ उन विदेशी कंपनियों को प्रभावित करेगा, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को खरीदने से ज्यादा  सामान बेचती हैं. माना जा रहा है कि यह टैरिफ काफी समय तक जारी रहने वाला है, जिससे दबाव में आकर दूसरे देश भी अपने टैरिफ घटा लें. अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि दूसरे देशों के हाई टैरिफ की वजह से अमेरिका को पिछले साल 1.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार असंतुलन हुआ था.

बुधवार को ऑटो इंपोर्ट पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ से पहले ट्रंप प्रशासन चीन, कनाडा और मैक्सिको के खिलाफ शुल्क लगा चुका है. उनसे आने वाले स्टील और एल्यूमीनियम पर टैक्स बढ़ने से आयात कम हो गया है. ट्रम्प ने वेनेजुएला को दबाने के लिए उससे तेल आयात करने वाले देशों पर भी टैरिफ लगाया है. ट्रंप अब फार्मास्यूटिकल दवाओं, लकड़ी, तांबे और कंप्यूटर चिप्स पर भी टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं.

अमेरिका के टैरिफ वार का मुकाबला करने के लिए लंबे समय से उसके ट्रेड पार्टनर रहे देश अब काउंटर मेजर एक्शन ले रहे हैं.  कनाडा ने ट्रम्प द्वारा फेंटेनाइल की तस्करी से जुड़े 25 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में कुछ टैरिफ लगाए हैं. यूरोपीय संघ ने अमेरिका की ओर से स्टील और एल्युमीनियम पर लगाए 26 बिलियन यूरो टैरिफ के जवाब में अमेरिकी सामानों पर कर लगा दिया, जिसमें बोरबॉन भी शामिल है. इससे बौखलाए ट्रंप ने यूरोपीय शराब पर 200 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है.

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, “यूरोप ने इस टकराव की शुरुआत नहीं की है. हमें इस मामले अनावश्यक घसीटा गया है. हम जवाबी कार्रवाई नहीं करना चाहते लेकिन अगर ऐसा करना जरूरी हुआ तो हमारे पास इसके लिए एक मजबूत योजना है और हम इसका इस्तेमाल करेंगे.”

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने बुधवार को यूरोपीय संघ-अमेरिका व्यापार युद्ध से बचने का अपना आह्वान दोहराया. उन्होंने कहा कि इससे दोनों पक्षों को नुकसान होगा और उनके देश की अर्थव्यवस्था पर “भारी” परिणाम होंगे.