धनबाद : झारखंड में धनबाद जिले के सबसे बड़े महिला कॉलेज के प्रवेश द्वार पर छात्राओं की इंतजार में खड़े हैं ‘यमदूत’, लेकिन कॉलेज प्रबंधन इस खतरे से अनजान बनने का स्वांग रचे हुए है। शायद उसे किसी बड़े हादसे का इंतजार है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं और उनके अभिभावकों का आरोप है।
धनबाद शहर के लुबी सर्कुलर रोड स्थित जिले के सबसे पुराने महिला महाविद्यालय श्री श्री लक्ष्मी नारायण महिला महाविद्यालय (एसएसएलएनटी कॉलेज) का प्रवेश द्वार पूरी तरह जर्जर एवं खतरनाक हो चुका है। जिसकी जानकारी कॉलेज प्रबंधन को बखूबी है। परन्तु छात्राओं के जीवन और सुरक्षा को दरकिनार करते हुए कॉलेज प्रबंधन ने अस्थाई रूप से एक लोहे का पाइप लगाकर हादसे को रोकने की कोशिश में जुटा हुआ है। अब ऐसे में अगर कोई हादसा होती है तो फिर इसकी जिम्मेदारी किसके सिर पर मढ़ी जायेगी ?
छात्राओं ने बताया कि दशकों पुरानी श्री श्री लक्ष्मी नारायण महिला महाविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर बना हुआ कंक्रीट का पिलर (खंभा) पूरी तरह जर्जर और कमजोर हो चुका है। जो कभी भी गिर कर दुर्घटना को अंजाम दे सकता है। ऐसे में उक्त कॉलेज के प्रवेश द्वार से गुजरने वाले छात्र-छात्राओं और अभिभावकों तथा कॉलेज कर्मियों के लिए खतरे का सबब साबित हो सकता है। छात्राओं की मानें तो कॉलेज के मुख्य द्वार पर अक्सर हुजूम जमा रहता है। वही सुरक्षा गार्ड्स की मौजूदगी बराबर बनी रहती है। ऐसे में अगर उक्त जर्जर खंभा गिर जाता है तो उसकी चपेट में गार्ड और कई लोगों के आने से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसे समय रहते टाला जा सकता है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही से अनहोनी की आशंका बनी हुई है।
छात्राओं का कहना है कि मुख्य प्रवेश द्वार पर निर्मित जर्जर पिलर पिछले कई वर्षों से खतरनाक स्थिति में झूल रहा है। इस पिलर से कॉलेज के प्रवेश द्वार में लगे हुए बड़े लोहे के गेट झूल रहे है, जो आने-जाने के लिए अक्सर खोला और बंद किया जाता है। ऐसे में किसी भी समय गेट खोलने और बंद करने के दौरान खंभा ध्वस्त हो सकता है। जिसकी वजह से लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं। अगर समय रहते उक्त जर्जर पिलर को तोड़कर नया निर्माण कर दिया जाता है तो भविष्य में होने वाले हादसे को टाला जा सकता है। परन्तु कॉलेज प्रबंधन की बेपरवाही और लापरवाही अनहोनी को आमंत्रित कर रही है। (रिपोर्ट : अमन्य सुरेश-8340184438)