मुर्शिदाबाद हिंसा : पश्चिम बंगाल पुलिस ने बनाई SIT, 9 पुलिस अधिकारियों की टीम करेगी जांच

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कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबादा में वक्फ कानून में संसोधन के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस ने नौ सदस्यों की विशेष टीम का गठन किया है। यह टीम हिंसा के कारणों की जांच करेगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करेगी। इस विशेष टीम का अध्यक्ष मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी को बनाया गया है।

बंगाल पुलिस के आदेश में कहा गया है “इन अधिकारियों को अगले आदेश तक समसेरगंज और जंगीपुर पुलिस थाने के अन्य क्षेत्रों में हिंसा के मामलों की जांच के लिए गठित एसआईटी में प्रतिनियुक्त किया जाता है। उन्हें कल (16.04.2025) 12:00 बजे तक समसेरगंज पुलिस थाने, जंगीपुर पुलिस थाने में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया जाता है।”

विशेष जांच टीम में शामिल अधिकारी

शांतनु चौधरी, डब्ल्यूबीपीएस, अतिरिक्त। एसपी, आईबी, पश्चिम बंगाल
विजय यादव, उप. एसपी, सीआईएफ, डब्ल्यूबी
कौशिक घोष, डीवी। एसपी, सीआईडी, पश्चिम बंगाल
असीम मंडल, निरीक्षक, सीआईडी, पश्चिम बंगाल
राजर्षि दत्ता, निरीक्षक, यातायात मुख्यालय, पश्चिम बंगाल
अनुपम चक्रवर्ती, निरीक्षक। सीआईडी, पश्चिम बंगाल
तन्मय घोष, निरीक्षक, सीआईडी, पश्चिम बंगाल
तुहिन दास, निरीक्षक, सीआईडी, पश्चिम बंगाल
सुदीप्त डे, आईसी, साइबर, सुंदरबन पीडी

वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियान और जंगीपुर सहित अन्य इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे। धुलियान के मंदिरपाड़ा इलाके में हिंसा के दौरान कई महिलाओं के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई थी। महिला आयोग ने कहा कि हिंसा के कारण सैकड़ों महिलाएं अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गईं, जिनमें से कई ने भागीरथी नदी पार कर पड़ोसी मालदा जिले में शरण ली। 

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने सांप्रदायिक हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ कथित छेड़छाड़ और उनके विस्थापन की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। वहीं, ममता बनर्जी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुर्शिदाबाद दंगे पूर्व नियोजित थे। भाजपा, बीएसएफ और केंद्रीय एजेंसियों ने मिलकर हिंसा भड़काई। जबकि, विपक्षी दलों ने मुर्शिदाबाद हिंसा के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। (इनपुट- पीटीआई भाषा)