नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई छापेमारी कर रही है। सीबीआई ने दुर्गेश पाठक के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनियमन (एफसीआरए) उल्लंघन का मामला दर्ज किया है और उसी के संबंध में आम आदमी पार्टी के नेता के आवास पर तलाशी ली जा रही है।
छापेमारी के बाद आप ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गुजरात में अपने नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। पार्टी ने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया।
जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी और उसके कुछ नेताओं के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। सीबीआई ने अब इस मामले में गृह मंत्रालय की इजाज़त के बाद FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में गुरुवार को आप नेता दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की। इससे पहले ED ने इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी और अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी थी.
आरोप है कि AAP ने ‘AAP Overseas India’ नाम का एक नेटवर्क बनाया था, जिसमें अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के वॉलंटियर्स शामिल थे। इस नेटवर्क के जरिए विदेशी फंड जुटाया गया। ये पैसा AAP नेताओं को सीधे भेजा गया, जोकि विदेशी चंदे से जुड़ी कानून FCRA का उल्लंघन है।
इस केस में AAP के नेता दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज का नाम सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक शख्स के जरिए इन नेताओं को करीब 29000 अमेरिकी डॉलर भेजे गए थे।
विदेशों से फर्जी पहचान या गलत दस्तावेज़ों के जरिए चंदा लिया गया। चंदा देने वालों की पहचान को छिपाया गया। कुल 155 विदेशियों ने 1 करोड़ रुपए से ज्यादा चंदा दिया, लेकिन उनके 55 पासपोर्ट नंबर ही दर्ज है। कई बार एक ही पासपोर्ट नंबर से अलग-अलग लोगों ने चंदा दिया।
201 डोनर थे, लेकिन उनके लिए सिर्फ 51 ईमेल ID इस्तेमाल हुई और वो भी 639 बार। 71 डोनर्स ने सिर्फ 21 मोबाइल नंबर इस्तेमाल किए। 75 लोगों ने 15 क्रेडिट कार्ड से करीब 20 लाख रुपए का चंदा दिया। कनाडा के 19 नागरिकों से आए 51 लाख रुपए की जानकारी सही से दर्ज नहीं की गई। एक कनाडाई नागरिक ने AAP की वेबसाइट के जरिए सीधा चंदा भेजा।
सांसद संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि भाजपा और मोदी सरकार का गंदा खेल फिर से शुरू हो गया है। पहले भी AAP को रोकने का हर प्रयास किया गया। हमारे सबसे बड़े नेता को जेल में डाला, पंजाब और दिल्ली में छापे पड़े। आज फिर वैसी ही एक नापाक कोशिश की गई है। पार्टी के PAC सदस्य और गुजरात के सह प्रभारी दुर्गेश पाठक के घर पीएम मोदी ने CBI को भेज दिया है, इसलिए क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें गुजरात भेज दिया संगठन को मजबूर करने। गुजरात में AAP को 14 फ़ीसदी वोट मिले थे।
संजय सिंह ने कहा कि गुजरात में भाजपा की हालत पतली है। गुजरात के लोगों को AAP से उम्मीद है. लेकिन इन्होंने डराने के लिए सीबीआई भेज दी।मोदी जी को गुजरात में हार की संभावना दिख रही है। इन्होंने पहले भी बहुत कोशिश कर ली, आगे भी जितनी कोशिश करनी है कर लें, हम डरने वाले नहीं हैं। आम आदमी पार्टी हर तरह से दुर्गेश पाठक और उनके परिवार के साथ खड़ी है।
संजय सिंह ने कहा कि मुझे पूरी जानकारी नहीं है कि किस मामले में यह रेड हुई है, लेकिन जो मामला बताया जा रहा है, यह राग तो बीजेपी लंबे समय से अलाप रही है। पाठक को गुजरात का सह प्रभारी बनाए जाने के बाद ही क्यों छापे हुए।
संजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस-भाजपा का तो नूरकुस्ती का खेल चल रहा है। दिल्ली में जीती थी भाजपा, नाच रहे थे कांग्रेसी। आपने सुना है क्या कि राहुल सोनिया के घर सीबीआई और ई़डी की रेड हुई हो। रॉबर्ट वाड्रा से पांच छह घंटे पूछताछ होती है और छोड़ दिया जाता है।हमारे नेताओं को तो 20-20 घंटे बैठा कर रखा जाता था।
पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने एक्स पर पोस्ट किया, गुजरात में केवल आप ही भाजपा को चुनौती दे सकती है और यह छापेमारी उनकी हताशा को दर्शाती है। इतने वर्षों में भाजपा को यह समझ में नहीं आया कि हम उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। पिछले साल राजेंद्र नगर के पूर्व विधायक पाठक का नाम दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई की चार्जशीट में शामिल किया गया था।
बता दें कि दुर्गेश पाठक आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता हैं और पिछले विधानसभा में दिल्ली से विधायक भी रह चुके हैं। पार्टी ने उन्हें गुजरात में 2027 में होने वाले चुनाव के लिए सहप्रभारी बनाया है। वह आम आदमी पार्टी के PAC सदस्य भी है। PAC ही पार्टी के लिए राजनीतिक फैसले लेती है।