SNMMCH : मरीजों के जान से हो रहा खिलवाड़, खुले में फेंका जा रहा बायो मेडिकल वेस्ट

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धनबाद-NewsXpoz : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की बदहाल सफाई व्यवस्था ने मरीजों और उनके परिजनों की परेशानियां और बढ़ा दी हैं। हालात इतने खराब हैं कि अस्पताल परिसर में खड़ा होना भी मुश्किल हो गया है।

टुंडी निवासी रोहित सिंह, जो अपने मित्र को देखने अस्पताल पहुंचे थे, ने बताया, “यहां इतनी दुर्गंध है कि कुछ समय के लिए खड़ा रहना मुश्किल है। मेल वार्ड के समीप गंदगी फैली है, जिसे साफ नहीं किया गया। मरीज यहां इलाज कराने आएंगे या और बीमार होकर जाएंगे?”

SNMMCH : मरीजों के जान से हो रहा खिलवाड़, खुले में फेंका जा रहा बायो मेडिकल वेस्ट👉👉 newsxpoz.com/snmmch-medic…राज्य के सबसे बड़े अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की बदहाल सफाई व्यवस्था ने मरीजों और उनके परिजनों की परेशानियां और बढ़ा दी हैं। हालात इतने खराब हैं कि अस्पताल परिसर में खड़ा होना भी मुश्किल हो गया है।

NewsXpoz (@newsxpoz.bsky.social) 2025-05-19T08:32:15.061Z

आलम यह है कि बायो मेडिकल कचरा अस्पताल परिसर में ही पसरा हुआ है। हालांकि, मेडिकल वेस्ट को स्टोर करने के लिए दिवाल से घेर कर जगह तो बनाई गई है, लेकिन उक्त स्थल के भर जाने के बाद मेडिकल स्टॉफ बायो मेडिकल कचरे को अस्पताल के वार्ड के समीप ही फेंक दे रहे हैं।

अस्पताल में कई स्थानों पर काफी मात्रा में मेडिकल वेस्ट पसरा हुआ है। इससे संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। जबकि, अस्पताल के अधिकारी व कर्मी इन्फेक्शन होने के खतरे से अंजान बने हुए हैं। जब सरकारी अस्पताल का यह हाल है तो निजी अस्पतालों की स्थिति क्या होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

स्थानीय लोगों की मानें तो इनके द्वारा सामान्य कचरे के साथ बायो मेडिकल वेस्ट भी पॉलीथिन और डिस्पोजेबल झोला में छिपाकर फेंका जा रहा है। अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट जिस तरह से फेंका जा रहा है उससे मरीज, मरीजों के परिजन या मेडिकल स्टाफ गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।

बता दें कि अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों के साथ ही मेडिकल स्टॉफों का भी उधर आना-जाना होता है। ऐसे कचरे में खतरनाक वायरस पनपते हैं। अस्पताल में कई तरह के संक्रमित मरीज आते हैं। उनको लगने वाले इंजेक्शन, बोतल, दवा, पट्टी, खून से सने पट्टी आदि खुले में फेंके जाने से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमण का शिकार हो सकता है।

अस्पताल के वेस्ट को जमा कर सही प्रबंधन किया जाना था। संग्रह कक्ष से एजेंसी द्वारा कचरा को प्रत्येक दिन उठाव कर उसी दिन कचरा निस्सरण के लिए वाहन से भेजा जाना था। लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि प्रबंधन की बात सिरे से दूर की कौड़ी साबित हो रही है। हालात इतने बुरे हैं कि कचरा इन कक्षों के बाहर ही फेंक कर खानापूर्ति कर दी जा रही है।

किसी स्तर पर इस बात का ध्यान नहीं रखा जा रहा है कि इससे मानव स्वास्थ्य का बड़ा खतरा हो सकता है। हद तो यह है कि इन कक्ष के समीप ही नहीं बल्कि अस्पताला गेट के समीप कूड़ेदान में भी ऐसे वेस्ट धड़ल्ले से फेंक कर संक्रमण का खतरा पैदा किया जा रहा है।

बायो मेडिकल वेस्ट नियम एवं सुझाव : बायोमेडिकल वेस्ट कोई भी ऐसा वेस्ट है। जिसमें संक्रामक या संभावित संक्रामक सामग्री होती है। ये अपशिष्ट मनुष्यों और जानवरों के निदान, उपचार और टीकाकरण के दौरान उत्पन्न होते हैं। बायोमेडिकल वेस्ट ठोस और तरल दोनों रूपों में हो सकता है।

प्रयोगशाला अपशिष्ट चिकित्सालयों द्वारा जनित जैव चिकित्सा अपशिष्टों का उचित निपटान एक गंभीर समस्या है। ये अपशिष्ट संक्रामक प्रकृति के होते हैं। इनका व्यवस्थित ढंग से निपटान न होने से संक्रमण की संभावना रहती है, जिसका मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

कई बार इन अपशिष्टों को अनुपचारित स्थिति में फेंक दिया जाता है, जला दिया जाता है या नदी व नालों आदि में प्रवाहित कर दिया जाता है। इन अपशिष्टों को अन्य ठोस अपशिष्टों के साथ मिलाने से समस्या और भी गंभीर हो जाती है। अतः इन जैव-चिकित्सा अपशिष्टों का समुचित प्रबंधन आवश्यक है। रिपोर्ट : अमन्य सुरेश (8340184438)