कोलकाता : पाकिस्तान रेंजर्स की तरफ से रिहा होने के एक सप्ताह बाद शुक्रवार को बीएसएफ जवान पूर्णम साव पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में अपने घर पहुंचे। बीएसएफ जवान साव के घर पहुंचने के साथ ही लोगों ने उनका स्वागत फूलो की माला पहनाकर किया। साथ ही लोगों ने साव को फूलों से सजे खुले जीप में बैठाकर पूरे इलाके में घुमाया और ‘भारत माता की जय’ के नारों से माहौल देशभक्ति से भर दिया।
बता दें कि पूर्णम साव को पाकिस्तान रेंजर्स ने 23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर में सीमा पार करने पर पकड़ लिया था। यह घटना पहलगाम आतंकी हमले के ठीक अगले दिन हुई थी, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया था। हालंकि साव को को 14 मई को अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत को सौंपा गया।
हावड़ा स्टेशन पर पहुंचने पर उनका परिवार और सैकड़ों लोग वंदे मातरम के नारों के साथ उनका स्वागत करने पहुंचे। अपने बेटे की वापसी पर पिता भोलानाथ साव भावुक हो गए। साथ ही गर्भवकी पत्नी रजनी साव ने खुशी के आंसू रोक नहीं सकीं। घर पहुंचने पर मोहल्ले को रंगीन लाइटों से सजाया गया था और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया गया।
मीडिया से बात करते हुए पूर्णम ने कहा कि मां-पापा बहुत परेशान थे, इसलिए सबसे पहले उनसे मिलने आया। अच्छा लग रहा है कि पूरा देश मेरे लौटने का इंतजार कर रहा था। साथ ही टीएमसी पार्टी ने सोशल मीडिया पर उन्हें ‘बंगाल का वीर सपूत’ बताया और कहा कि उनकी घर वापसी ने पूरे राज्य को गर्व और खुशी से भर दिया है। साथ ही उनके भाई राहुल साव ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे दिवाली फिर से लौट आई हो। बता दें कि पूर्णम साव 17 साल से देश की सेवा कर रहे हैं और जल्द ही फिर से सीमा पर तैनात होंगे।
गौरतलब है कि पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) को गलती से पार करने के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को पकड़ लिया था। मामला 23 अप्रैल का है। जवान की पहचान 182वीं बीएसएफ बटालियन के कॉन्स्टेबल पूर्णम साव के रूप में हुई थी। वह भारत-पाकिस्तान सीमा के पास खेत के पास ड्यूटी पर थे। नियमित गतिविधि के दौरान वे अनजाने में भारतीय सीमा की बाड़ को पार कर पाकिस्तानी क्षेत्र में चले गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था।