नई दिल्ली : भारत ने सोमवार को स्वदेशी मौसम पूर्वानुमान प्रणाली भारत फोरकास्टिंग सिस्टम (बीएफएस) लॉन्च किया। यह दुनिया की सबसे उच्च रिजोल्यूशन संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान प्रणाली है। इससे छह किलोमीटर के दायरे में यानी पंचायत स्तर पर भी मौसम का सटीक पूर्वानुमान जारी किया जा सकेगा। बीएफएस को भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) ने विकसित किया है। यह इस मॉनसून सीजन से कार्य शुरू करेगा।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि बीएफएस भारत को मौसम भविष्यवाणी में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल करेगा। बीएफएस दुनिया का एकमात्र वैश्विक संख्यात्मक मौसम भविष्यवाणी मॉडल है, जो इतने हाई रिजॉल्यूशन पर काम करता है। यह भारत की पूर्वानुमान क्षमताओं में एक बड़ा कदम है।
यूरोपीय, ब्रिटिश और अमेरिकी मौसम कार्यालयों के मॉडल 9 से 14 किलोमीटर के रिजोल्यूशन पर काम करते हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने कहा, उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में मौसम अस्थिर होता है। मौसम पैटर्न में बदलाव होते रहते हैं। स्थानिक परिवर्तनों को पकड़ने के लिए ऊंचे रिजॉल्यूशन मॉडल की जरूरत होती है। पहले हम चार गांवों के लिए एक सामान्य पूर्वानुमान जारी करते थे, लेकिन बीएफएस प्रत्येक गांव के लिए अलग-अलग पूर्वानुमान देगा।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि बीएफएस मॉनसून ट्रैकिंग, उड्डयन, चक्रवात निगरानी, आपदा प्रबंधन, कृषि, जलमार्ग, रक्षा और बाढ़ पूर्वानुमान को बढ़ावा देगा, साथ ही प्रमुख मंत्रालयों को समर्थन प्रदान करेगा।
नया मॉडल बनाने में पार्थसारथी मुखोपाध्याय जैसे शोधकर्ताओं का योगदान है। यह पिछले साल आईआईटीएम परिसर में 11.77 पेटाफ्लॉप्स की क्षमता और 33 पेटाबाइट स्टोरेज वाले सुपरकंप्यूटर अर्का की स्थापना से संभव हुआ। मुखोपाध्याय ने कहा, पहले सुपरकंप्यूटर प्रत्युष को पूर्वानुमान मॉडल चलाने में 10 घंटे लगते थे, लेकिन अर्का इसे चार घंटे में कर देता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने बताया कि अब हम अधिक स्थानीय और सटीक मौसम पूर्वानुमान जारी कर सकेंगे। यह नई पूर्वानुमान प्रणाली पिछले साल आईआईटीएम परिसर में स्थापित 11.77 पेटाफ्लॉप्स की क्षमता और 33 पेटाबाइट स्टोरेज वाले सुपरकंप्यूटर ‘अर्का’ के कारण संभव हुई है।
शोधकर्ता पार्थसारथी मुखोपाध्याय ने बताया, पहले का सुपरकंप्यूटर ‘प्रत्युष’ पूर्वानुमान मॉडल को चलाने में 10 घंटे लेता था, जबकि अर्का इसे केवल चार घंटे में पूरा करता है। बीएफएस 6 किमी के ग्रिड में मौसम की घटनाओं का विश्लेषण करता है, जो पहले के 12 किमी ग्रिड की तुलना में अधिक सटीक है।
रविचंद्रन ने कहा कि बीएफएस 6 किमी x 6 किमी के ग्रिड में मौसम की घटनाओं का विश्लेषण करता है, जो पहले के 12 किमी ग्रिड की तुलना में अधिक सटीक है। रविचंद्रन ने कहा कि देशभर में 40 डॉप्लर मौसम रडारों के नेटवर्क से प्राप्त डाटा का उपयोग बीएफएस मॉडल को चलाने में किया जाएगा, जिससे मौसम विभाग स्थानीय स्तर पर पूर्वानुमान और नाउकास्ट (अगले दो घंटों का मौसम पूर्वानुमान) जारी कर सकेगा। भविष्य में रडारों की संख्या बढ़कर 100 हो जाएगी, जिससे पूरे देश में नाउकास्ट संभव होगा।