नई दिल्ली : दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने पिछले महीने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। इस सैन्य अभियान के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया था। इसके अलावा, 11 एयरबेस को भी निशाना बनाया गया था। हालांकि, पाकिस्तान के एक आधिकारिक दस्तावेज (डोजियर) में नया खुलासा हुआ है।
दरअसल, पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में ‘ऑपरेशन बुनयान उन मरसूस’ चलाया था। इससे जुड़े डोजियर में उसने स्वीकार किया है कि भारत ने सात अतिरिक्त ठिकानों पर भी हमले किए।
डोजियर में दिखाए गए नक्शों में पेशावर, झांग, सिंध में हैदराबाद, पंजाब में गुजरात, बहावलनगर, अटक और छोर इलाकों पर हमले दिखाए गए हैं। पिछले महीने हवाई हमलों के बाद मीडिया ब्रीफिंग में भारतीय वायु सेना या सैन्य महानिदेशक (डीजीएमओ) ने इन स्थानों का जिक्र नहीं किया था।
इस नए खुलासे से पता चलता है कि भारत ने जिन इलाकों में हमले करने की बात की स्वीकार की थी, उससे कहीं अधिक गहराई में जाकर हमले किए गए थे। इससे यह बात भी समझ में आती है कि पाकिस्तान ने भारत से संघर्ष विराम की गुहार क्यों लगाई थी। इस खुलासे से पाकिस्तान के उस दावे पर भी सवाल खड़ा होता है, जिसमें उसने कहा था कि उसने भारत को बड़ा नुकसान पहुंचाया।
भारतीय सशस्त्र बलों ने इससे पहले कई मीडिया ब्रीफिंग में ऑपरेशन सिंदूर की विस्तार से जानकारी दी थी और बताया था कि ये हमले कितनी सटीकता और योजना से किए गए। अब यह माना जा रहा है कि भारत की ओर से कुछ ठिकानों के नाम न बताना एक रणनीतिक फैसला था, जिससे पाकिस्तान खुद ही नुकसान की असली तस्वीर उजागर करे और भविष्य में वह कोई झूठा दावा न कर सके।
इससे पहले, मैक्सार टेक्नोलॉजीज की ओर जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किए गए सटीक हवाई हमलों से हुए नुकसान को दिखाया गया था। भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया था।
जिन ठिकानों पर हमले हुए थे, उनमें बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का प्रशिक्षण केंद्र भी शामिल हैं। इसके अलावा जिन अन्य जगहों को निशाना बनाया गया उनमें मुजफ्फराबाद, कोटली, रावलकोट, चकस्वारी, भिंबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल शामिल थे।