झारखंड : बाबूलाल मरांडी को जान का खतरा, मिल रही धमकी

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रांची : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर उनके और उनके परिवार के खिलाफ ‘षड्यंत्र रचने’ का गंभीर आरोप लगाया है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ झामुमो ने मरांडी के दावों को ‘सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का साधन’ करार देते हुए खारिज कर दिया है।

सोमवार को जारी एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ‘सरकार नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह’ संचालित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार, उत्पीड़न और भय की राजनीति से प्रभावित जनता की आवाज उठाते रहेंगे।

मरांडी ने दावा किया कि सरकार के करीबी आपराधिक प्रवृत्ति वाले शीर्ष अधिकारी उनके, उनके परिवार और करीबी सहयोगियों के खिलाफ साजिश रचने में लगे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और वे उन्हें डराने-धमकाने में लगे हैं, जिसमें उन्हें झूठे मामलों में फंसाना और चरित्र हनन करना शामिल है।

मरांडी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार उनके खिलाफ सक्रिय हो गई है, क्योंकि उन्होंने विभिन्न घोटालों को उजागर किया है। उन्होंने पिछले दिनों दुमका के शिकारीपाड़ा में अपने ऊपर नक्सली हमले की साजिश होने का भी दावा किया और कहा कि केंद्र सरकार ने खुफिया जानकारी का संज्ञान लेकर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई थी। । मरांडी ने कहा कि कोई भी उन्हें झुका नहीं सकता। उन्होंने कहा कि सरकार को डराने-धमकाने के बजाय जवाबदेही और पारदर्शिता पर ध्यान देना चाहिए।

इस संबंध में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्हें किए गए फोन कॉल और संदेशों का कोई जवाब नहीं मिला। गौरतलब है कि मरांडी डीजीपी के खिलाफ मुखर रहे हैं और उनका कहना है कि गुप्ता का कार्यकाल पिछले महीने खत्म हो गया है और उनका पद पर बने रहना असंवैधानिक और अवैध है।

बाबूलाल मरांडी झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और वर्तमान में झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। वह झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य के गठन के बाद वह पहले मुख्यमंत्री बने और 17 मार्च 2003 तक इस पद पर रहे।