रांची : झारखंड शराब घोटाला मामले में कल 17 जून की देर शाम एक और गिरफ्तारी हुई. मामले में पूछताछ के बाद मंगलवार की देर शाम एसीबी ने पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश को गिरफ्तार किया.
एसीबी को शराब घोटाला की जांच के दौरान इनकी संलिप्तता के संबंध में कई साक्ष्य मिले थे. अमित प्रकाश को मंगलवार की देर शाम एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
एसीबी ने अपनी जांच में पाया है कि अमित प्रकाश उत्पाद आयुक्त सह प्रबंध निदेशक झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन (जेएसबीसीएल) के पद पर पदस्थापित थे. इनके कार्यकाल में ही प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से खुदरा शराब दुकानों से बेची जाती थी.
हालांकि शराब बिक्री के अनुपात में प्लेसमेंट एजेंसियों ने जेसबीसीएल को काफी कम पैसा दिया. यह राशि बढ़कर दिसंबर 2024 तक करीब 70 करोड़ रुपये से अधिक हो गयी. अमित प्रकाश के पास यह अधिकार था कि बकाया राशि वसूलने के लिए वह प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा जमा करा दें. लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया. पूछताछ के दौरान अमित प्रकाश इस मुद्दे पर गोलमटोल जवाब देते रहे.
अमित प्रकाश के खिलाफ दूसरा साक्ष्य यह है कि केस के प्राथमिकी अभियुक्त नीरज कुमार सिंह ने रिमांड में पूछताछ के दौरान अमित प्रकाश की संलिप्तता के बारे जानकारी दी थी. इसके अलावा तीसरा साक्ष्य यह है कि केस के प्राथमिकी अभियुक्त नवेंदू शेखर वरीय लेखापाल ने जेएसबीसीएल ने केस में अमित प्रकाश की संलिप्तता को उजागर किया था.
एसीबी ने जांच में यह भी पाया था कि अमित प्रकाश अपने लोकल एजेंट के माध्यम से पैसा की उगाही करते थे. केस के अनुसंधान के दौरान भी एसीबी को अन्य प्राथमिकी अभियुक्त ने अमित प्रकाश की संलिप्तता की जानकारी दी थी.