नई दिल्ली : वायुसेना के ग्रुप कैप्टन व भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज यानी बुधवार को इतिहास रचने को तैयार हैं। वह 41 वर्ष पहले लगातार आठ दिन पृथ्वी के चक्कर लगाने वाले राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में रवाना होने वाले दूसरे भारतीय होंगे।
इससे पहले, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगलवार को घोषणा की कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) ले जाने वाले एक्सिओम-4 मिशन के लिए प्रक्षेपण 25 जून को होगा।
नासा ने कहा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए चौथे निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन एक्सिओम मिशन 4 के प्रक्षेपण के लिए बुधवार तड़के का समय निर्धारित किया है। नासा ने कहा कि डॉकिंग समय 26 जून को सुबह करीब सात बजे (भारतीय समयानुसार शाम साढ़े चार बजे) होगा।
यह मिशन फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से प्रक्षेपित किया जाएगा।एक्सिऑम-4 वाणिज्यिक मिशन का नेतृत्व कमांडर पैगी व्हिटसन कर रही हैं, जिसमें शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट हैं। इससे पहले इस मिशन की लॉन्चिंग कई बार टाली जा चुकी है। पहले यह मिशन 29 मई को लॉन्च होना था लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण इसे टाल दिया गया।
इस मिशन को लेकर तैयारियां पिछले महीने से जारी हैं। लेकिन तकनीकी खामियों के कारण इसकी लॉन्चिंग टलती रही। 29 मई के बाद इसे 8, 10 और 11 जून को लॉन्च करने की तैयारी थी लेकिन स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में ईंधन रिसाव और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के रूसी हिस्से में लीकेज की वजह से मिशन को स्थगित करना पड़ा। इसके बाद इसे 19 जून और फिर 22 जून को लॉन्च करने की योजना बनी लेकिन नासा ने आईएसएस में सुधार कार्य के बाद सिस्टम की जांच करने के लिए मिशन को आगे बढ़ा दिया।
इस बीच, स्पेसएक्स ने बताया है कि मिशन के प्रक्षेपण के लिए मौसम अनुकूल दिख रहा है और सभी प्रणालियां अच्छी तरह से काम कर रही हैं। स्पेसएक्स ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बुधवार को एक्सिओम स्पेस के एक्स-4 मिशन के प्रक्षेपण के लिए सभी प्रणालियां अच्छी दिख रही हैं। इसके अलावा प्रक्षेपण के लिए मौसम भी 90% अनुकूल है।
लखनऊ में पैदा शुभांशु शुक्ला इसरो-नासा समर्थित एक्सिओम स्पेस के वाणिज्यिक अंतरिक्ष यान में बुधवार शाम फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना होंगे। शुभांशु 14 दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे। एक्सिओम-4 मिशन पर शुक्ला के साथी, हंगरी से कमांडर पैगी व्हिटसन और मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू और पोलैंड से स्लावोज उज्नास्की-विस्नीव्स्की, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के मामले में उन्हें ऑपरेशनल-सेवी, केंद्रित और बेहद स्मार्ट बताते हैं।
भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन शुक्ला को 2019 में साथी अधिकारियों प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप और अजीत कृष्णन के साथ गगनयान मिशन के लिए भारत के अंतरिक्ष यात्री दल का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था। गगनयान को 2027 में लॉन्च करने की योजना है। गगनयान के इन तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को रूस के गगारिन कॉस्मोनॉट प्रशिक्षण केंद्र और बंगलूरू स्थित इसरो के अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र में व्यापक प्रशिक्षण दिया गया।
इसरो ने शुक्ला के लिए सात प्रयोगों का एक सेट तैयार किए हैं। इसके अलावा शुक्ला नासा के मानव अनुसंधान कार्यक्रम के लिए नियोजित पांच संयुक्त अध्ययनों में भी भाग लेंगे। शुक्ला आईएसएस पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में मेथी और मूंग (हरा चना) अंकुरित करने जैसे प्रयोग करेंगे। शुक्ला बीजों को मैक्रोबायोटिक स्थितियों के संपर्क में लाएंगे और उन्हें वापस धरती पर लाएंगे, जहां उन्हें न सिर्फ एक बार बल्कि पीढ़ियों तक पौधों के रूप में उगाया जाएगा।
एक्सिओम मिशन 4 पर शुक्ला के अनुभव का इसरो के गगनयान अंतरिक्ष उड़ान मिशन में बहुत अच्छी तरह से उपयोग किया जाएगा। इसरो एक्सिओम-4 मिशन पर 550 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।