यूपी : तालाब में नहाने गई थीं चार छात्राएं, सगी बहनों सहित तीन की डूबकर मौत

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मुरादाबाद : भगतपुर थानाक्षेत्र के ठिरियादान गांव के जंगल स्थित तालाब में मंगलवार को डूबकर तीन छात्राओं की मौत हो गई। इनमें दो सगी बहनें शामिल हैं। एक छात्रा किसी तरह तालाब से बाहर निकल आई और गांव पहुंचकर घटना की जानकारी दी। इसके बाद ग्रामीणों ने गोताखोरों को बुलाकर छात्राओं को तालाब से निकलवाया और उन्हें सीएचसी ले गए। जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।

भगतपुर के ठिरियादान गांव निवासी शाकिर की बेटी उजमा (10) कक्षा तीन, दूसरी बेटी निकहत (8) कक्षा दो और गांव के ही सोनू की बेटी आठ वर्षीय बेटी आराध्या उर्फ प्रियांशी कक्षा दो में पढ़ती थीं। इनके अलावा सतपाल की आठ वर्षीय बेटी प्रियांशी कक्षा चार में पढ़ती है।

परिवार के लोगों ने पुलिस को बताया कि चारों छात्राएं मंगलवार को स्कूल गई थीं। स्कूल से घर आने के बाद शाम साढ़े चार बजे चारों जंगल से पशुओं के लिए चारा लेने के लिए गई थीं। वहां पहुंचने पर चारों तालाब में नहाने के लिए चली गई। 

नहाते समय उजमा, निकहत और आराध्या गहरे पानी में चली गई। जबकि प्रियांशी किसी तरह तालाब से बाहर निकल आई। बाहर आकर प्रियांशी ने शोर मचाया लेकिन आसपास खेतों में कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। गांव पहुंचने उसने परिजनों को सूचना दी।

इसके बाद परिजन तालाब के पास पहुंच गए। ग्रामीणों ने गोताखोर आसिफ और जाबिर को बुला लिया। दोनों ने तालाब से तीनों बच्चियों को बाहर निकाला। इसके बाद उजमा और निखहत को भोजपुर सीएचसी और आराध्या को रामपुर के टांडा सीएचसी भिजवाया गया। जहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।

इसकी जानकारी मिलने पर लेखपाल व नायाब तहसीलदार गांव पहुंच गए और उन्होंने परिजनों से जानकारी ली। जान गंवाने वाली उजमा, निकहत छह भाई बहनों में दूसरे व तीसरे नंबर की थीं। जबकि आराध्या तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि नहाते समय तालाब में बच्चियां डूब गईं थीं।

तालाब में डूबने वाली चारों बच्चियों में गहरी दोस्ती थी। चारों गांव के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ती थीं। चारों गांव में साथ-साथ खेलती थीं। साथ ही नहाने के लिए तालाब उतरी थीं। गहरे पानी में जाने के कारण उजमा, निकहत और आराध्या की मौत हो गई जबकि प्रियांशी बाहर आ गई। प्रियांशी बेहद घबराई हुई है और वह बार-बार अपनी सहेलियों को याद कर रही है।

तीन बच्चियों की मौत के बाद पूरा गांव गम में डूब गया है। अधिकतर घरों में चूल्हे भी नहीं जले हैं। गांव के अधिकतर ग्रामीण उनके घरों पर इकट्ठा है एवं नजदीक गांव के लोग भी परिजनों को सांत्वना देने के लिए उनके घर पर पहुंच रहे हैं। वहीं उजमा और निकहत की मां मिस्किन बार-बार अपनी बेटियों को याद करके बदहवास हो रही हैं। वहीं आराध्या उर्फ प्रियांशी की मां मोनिका बार-बार अपनी पुत्री को पुकार रही है।