मुंबई : तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री से एक दुखद खबर मिली है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। दिग्गज एक्टर कोटा श्रीनिवास राव का लंबी बीमारी के बाद रविवार, 13 जुलाई की सुबह 4 बजे हैदराबाद स्थित उनके आवास पर निधन हो गया है। एक्टर की उम्र 83 वर्ष की थी। श्रीनिवास राव ने अपनी पूरी जिंदगी थिएटर में बिताई है और तेलुगू फिल्मों में भी खूब नाम कमाया।
उनके निधन से न केवल साउथ सिनेमा के लोगों को बल्कि पूरे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को भी झटका लगा है। कमाल की बात यह है कि बहुत ही कम समय में उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना ली। कोटा श्रीनिवास राव को खलनायक के किरदार में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता था।
10 जुलाई 1942 को आंध्र प्रदेश के कांकीपाडु में जन्मे कोटा श्रीनिवास एक प्रतिष्ठित परिवार से थे, जिन्होंने लंबी बीमारी के चलते 83 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके पिता सीता राम अंजनेयुलु एक डॉक्टर थे। कोटा श्रीनिवास राव बचपन में अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहते थे। लेकिन, बाद में उन्होंने एक्टर बनाने का फैसला किया और उन्होंने कॉलेज के दिनों में अपने एक्टिंग के जुनून को पूरा करने के लिए थिएटर से जुड़ गए।
साथ ही साथ स्टेट बैंक में नौकरी भी की। उन्होंने 1978 में ‘प्रणाम खरीदु’ से अपनी शुरुआत की थी। वह 1990 के दशक में भाजपा में शामिल हुए और 1999 में विजयवाड़ा सीट से आंध्र प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए थे। बता दें कि इसके पहले भी कोटा श्रीनिवास के मौत की खबर आई थी, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर खारिज करते हुए एक वीडियो जारी किया था। श्रीनिवास राव ने कहा कि जो लोग अफवाह फैला रहे हैं, उन्हें किसी की जान से नहीं खेलना चाहिए। विलेन की भूमिकाओं से मशहूर हुए साउथ एक्टर कोटा श्रीनिवास ने 700 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया था।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट किया, ‘अपनी बहुमुखी भूमिकाओं से सिनेमा दर्शकों का दिल जीतने वाले प्रसिद्ध अभिनेता कोटा श्रीनिवास राव का निधन अत्यंत दुखद है। लगभग 4 दशकों में सिनेमा और रंगमंच के क्षेत्र में उनका कलात्मक योगदान और उनके द्वारा निभाई गई भूमिकाएं अविस्मरणीय रहेंगी। खलनायक और चरित्र कलाकार के रूप में उनके द्वारा निभाई गई अनगिनत यादगार भूमिकाएं तेलुगु दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए अंकित रहेंगी। उनका निधन तेलुगु फिल्म उद्योग के लिए एक अपूरणीय क्षति है। 1999 में, उन्होंने विजयवाड़ा से विधायक के रूप में जीत हासिल की और जनता की सेवा की। मैं उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’