नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिन बिताने के बाद 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौट रहे हैं। एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुक्ला व तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू इस यात्रा में शामिल हैं।
सभी 26 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे। नासा के अनुसार, चारों यात्री 14 तारीख को भारतीय समयानुसार दोपहर 4:35 बजे क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान से पृथ्वी के लिए रवाना होंगे। यान 15 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में उतरेगा। लौटने के बाद शुक्ला को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने के लिए फ्लाइट सर्जन की देखरेख में सात दिन गुजारने होंगे, ताकि उनकी सेहत की देखरेख की जा सके।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शनिवार को बताया कि ड्रैगन अंतरिक्ष यान आईएसएस से चार अंतरिक्ष यात्रियों के अलावा 580 पाउंड (करीब 263 किलोग्राम) से अधिक सामान, नासा हार्डवेयर और 60 से ज्यादा प्रयोगों का डाटा लेकर 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटेगा।
एक्सिओम-4 मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट में बताया कि वह और उनकी टीम आईएसएस पर अंतिम दिन कॉकटेल और अच्छे लोगों के साथ आनंद ले रहे हैं। उन्होंने मजाक में कहा कि शुक्ला गाजर का हलवा और आमरस लेकर आए, जिसने सभी का दिल जीत लिया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि अंतरिक्ष से लौटने जा रहे शुभांशु शुक्ला का स्वास्थ्य अच्छा है और वह उत्साह से भरे हुए हैं। सात दिन के पुनर्वास के दौरान फ्लाइट सर्जन उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति की निगरानी करेंगे।
बता दें कि इस मिशन के लिए इसरो ने लगभग 550 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो 2027 में शुरू होने वाले गगनयान मिशन की तैयारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा।
बता दें कि आईएसएस 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा करता है। क्रू ड्रैगन ऑटोमेटिक रूप से स्टेशन से अलग होगा और धीरे-धीरे गति कम करके पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा।