हैदराबाद : तेलंगाना के एमएलसी टीनेमार मल्लन्ना पर रविवार सुबह कुछ लोगों ने हमला कर दिया. ये हमला उस वक्त हुआ जब मल्लन्ना कथित तौर पर अपने ऑफिस में मौजूद थे. हमलावर खुद को तेलंगाना जागृति संगठन के वर्कर बता रहे थे. यह ऑर्गेनाइजेशन बीआरएस की एमएलसी के. कविता से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है.
घटना के दौरान हमलावरों ने दफ्तर का फर्नीचर तोड़ दिया और खिड़कियों के शीशे भी चकनाचूर कर दिए. घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मल्लन्ना के सुरक्षाकर्मी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग करते दिखाई दे रहे हैं. ऑफिस के अंदर कमरे की फर्श पर खून के निशान भी देखे गए हैं. वहीं, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
कथित तौर पर यह हमला मल्लन्ना की उस टिप्पणी के बाद हुआ, जिसमें उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्गों को 42 फीसदी रिजर्वेशन देने की घोषणा का जश्न मना रही कविता का मज़ाक उड़ाया था.
मल्लन्ना ने मजाक के कविता का मजाक उड़ाते हुए अपने विवादित बयान में कहा था कि, ‘रेवंत रेड्डी द्वारा पिछड़ी जाति कोटे के लिए अध्यादेश की घोषणा के बाद, कल्वाकुंतला कविता रंगों से जश्न मना रही हैं. इस मुद्दे से उनका क्या संबंध है? क्या वह पिछड़ी जाति की हैं? पिछड़ी जातियों से उनका क्या रिश्ता है? उनके ऐसे क्या संबंध हैं कि उन्होंने हमारे साथ खाना खाया या हमारे साथ बिस्तर साझा किया?’
वहीं, जवाब देते हुए कविता ने उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए मल्लन्ना की गिरफ्तारी की मांग की थी. उन्होंने तेलंगाना विधान परिषद के सभापति जी सुखेंद्र रेड्डी से मुलाकात कर उन्हें सदन से सस्पेंड करने की मांग की. उन्होंने रेड्डी को एक लेटर भी दिया, जिसमें उनसे मामले को एथिक्स कमेटी को सौंपने और मल्लन्ना को तुरंत निलंबित करने का अनुरोध किया.
एमएलसी मल्लन्ना की टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इससे उनकी प्रतिष्ठा और गरिमा को ठेस पहुंची है. हाल ही में मल्लन्ना कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे, लेकिन मार्च में पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया.
मल्लन्ना के कार्यालय पर पहले भी कई बार हमले हो चुके हैं. मार्च 2023 में, उनके “क्यू न्यूज़” यूट्यूब चैनल के ऑफिस पर अज्ञात लोगों ने हमला किया था, जिन पर उन्होंने आरोप लगाया था कि वे 25 बीआरएस के लोग थे जो उनकी हत्या की साजिश रच रहे थे. वहीं, दिसंबर 2021 में तत्कालीन आईटी मंत्री केटी रामाराव और उनके बेटे के खिलाफ की गई टिप्पणी के बाद उन पर हमला किया गया था.