राजस्थान : झालावाड़ में स्कूल की छत गिरी, प्रार्थना कर रहे सात मासूमों की मौत; पांच शिक्षक निलंबित

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झालावाड़ : राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह स्कूल की छत गिरने से दर्दनाक हादसा हुआ। यहां एक सरकारी स्कूल की बिल्डिंग की छत अचानक गिर गई, जिससे स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। प्रार्थना सभा के दौरान हुई इस घटना में 7 बच्चों की मौत हो गई है।  शिक्षा विभाग ने पांच शिक्षकों को निलंबित किया है।

जानकारी के अनुसार स्कूल में हादसा उस वक्त हुआ जब प्रार्थना चल रही थी। हादसे के समय स्कूल के शिक्षक भवन के बाहर थे। जबकि छात्र स्कूल भवन के अंदर प्रार्थना कर रहे थे। इस वजह से शिक्षक हादसे का शिकार नहीं हुए हैं। इस हादसे में करीब 27 बच्चे घायल हुए हैं । इनमें से 8 की हालत गंभीर बताई जा रही है। गंभीर रूप से घायल बच्चों को झालावाड़ के अस्पताल में भर्ती किया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है।

स्कूल की छत गिरने के बाद गांव वालों ने मलबे से बच्चों को निकालना शुरू किया। इसके बाद जेसीबी मशीन की मदद ली गई।  स्कूल की छत काफी समय से जर्जर हो रही थी और लगातार हो रही भारी बारिश के बाद छत के गिरने का अंदेशा भी बना हुआ था। इसके बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा मासूम बच्चों की जान चली गई।

गंभीर घायल बच्चों को झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। मलबा हटाने में रेस्क्यू टीम के साथ ग्रामीण भी पूरी तरह से लगे रहे। झालावाड़ जिला कलक्टर अजय सिंह राठौर ने कहा कि सभी बच्चों को बाहर निकाल लिया गया है। इस हादसे में अब तक 8 बच्चों की मौत हो गई है।

घटना के चश्मदीद बनवारी ने बताया कि  बच्चे स्कूल में जाकर बाहर वापस बाहर निकलने लगे थे। फिर उनको स्कूलों में जबरन अंदर भेजा गया। इसके बाद भवन की छत भरभराकर गिर गई। बच्चे उसी में दब गए। हम सब बचाने के लिए भागे। जैसे तैसे मलबा हटाकर बच्चों को निकालना शुरू किया। स्कूल जर्जर था। हम गांव वालों ने शिकायत भी की थी।

स्कूल की छत से पानी टपकता था। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद भी बच्चों को स्कूल में बैठाया जा रहा था। जिस कक्षा में हादसा हुआ उसमें करीब 30-35 बच्चे थे। शिकायत करने पर कहा कि पंचायत बनवाएगी भवन। सब एकदूसरे पर टालते रहे।

एक तरफ गांव वाले भवन की खस्ताहालत के लिए शिकायत कर चुके थे। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने इस पर कार्रवाई नहीं की। ऐसा क्यों हुआ इस पर  झालावाड़ जिला कलक्टर अजय सिंह राठौर ने कहा कि इस तरह के हादसे भविष्य कभी न हों इसके लिए हम प्रयास करेंगे। शिक्षा विभाग को हमारे निर्देश थे कि कोई भी ऐसा विद्यालय हो जहां भी इस तरह का हादसा होने की संभावना हो तो हमें सूचित करें।

इसके अलावा भी अगर कोई जर्जर भवन हो तो हमें सूचना दें। उसमें इस स्कूल का नाम नहीं था। अब इसकी जांच करवाएंगे, हादसे के क्या कारण थे। जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे। जो भी बच्चे मलबे में दबे हुए थे उनको निकालकर अस्पताल पहुंचा दिया गया है।